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मलेशियाई वायुसेना का पसंद आया भारत का एलसीए तेजस, जल्द मिलेगा ऑर्डर

  •  चीन-पाकिस्तान मूल का लड़ाकू विमान जेएफ-17 भारतीय तेजस के सामने सौदे में पिछड़ा

  •  जल्द ही मलेशियाई वायु सेना की एक टीम एलसीए के बारे में जानकारी लेने आएगी भारत

नई दिल्ली, मलेशिया ने अपने लड़ाकू जेट कार्यक्रम के लिए चीनी जेएफ-17 के मुकाबले भारत में बने हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। अब जल्द ही मलेशियाई वायु सेना की टीम एलसीए के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए बेंगलुरु के दौरे पर आने वाली है। इसके बाद एचएएल को जल्द ही पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर मिल सकता है। यह टीम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के प्लांट में जाएगी जहां एलसीए उत्पादन की सुविधाओं, परीक्षण बुनियादी ढांचे के साथ-साथ लड़ाकू क्षमता के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी।
बेंगलुरु में एयरो इंडिया-2021 के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट की डील फाइनल की थी। उसी समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया था कि कई देशों ने तेजस एम-1ए की खरीद में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने जल्द ही भारत को विदेशों से तेजस एम-1ए खरीदने के ऑर्डर मिलने और अगले 3-4 वर्षों के भीतर रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में 1.75 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने का विश्वास जताया था। एचएएल को भारतीय वायुसेना का ऑर्डर मिलने के बाद मलेशियाई वायुसेना ने भी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) खरीदने की इच्छा जताई।
एचएएल के चेयरमैन आर माधवन ने बताया कि मलेशियाई वायु सेना अपने लड़ाकू जेट कार्यक्रम के लिए काफी दिनों से लड़ाकू जेट खरीदने की जुगत में है। मलेशिया ने भारतीय एलसीए के साथ-साथ चीन-पाकिस्तान मूल के लड़ाकू विमान जेएफ-17 के बारे में भी तकनीकी जानकारी जुटाई। उन्होंने बताया कि चीनी विमान एलसीए तेजस मार्क-1ए के मुकाबले सस्ता था, लेकिन यह तेजस के तकनीकी मापदंडों और भारत की ओर से प्रस्तावित सुखोई-30 बेड़े के रखरखाव की पेशकश से मेल नहीं खा सका, जिससे मलेशिया के साथ सौदा आगे बढ़ाने में एचएएल के लिए रास्ता साफ हो गया है।
एलसीए तेजस मार्क-1ए संस्करण डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बाहरी ईसीएम पॉड, एक आत्म-सुरक्षा जैमर, एईएसए रडार, रखरखाव में आसानी और एविओनिक्स, वायुगतिकी, रडार से लैस है। इसमें उन्नत शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (एएसआरएएएम) और एस्ट्रा एमके-1 एयर टू एयर मिसाइल लगाई जा सकती हैं। इसलिए मलेशियाई वायुसेना ने यह विमान को अपनी जरूरतों के मुताबिक फिट पाया है। भारत इस बारे में तीन वर्षों से मलेशिया के साथ बातचीत कर रहा है। 2019 में भारत ने लंगकावी में लीमा शो के लिए अपने दो एलसीए तेजस विमानों को भेजकर प्रदर्शन किया था।
मलेशियाई वायुसेना की एक टीम जल्द ही एलसीए के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए बेंगलुरु के दौरे पर आने वाली है। फिलहाल मलेशिया को 12 विमानों की प्रारंभिक आवश्यकता है, भविष्य में 24 और एलसीए तेजस का सौदा किया जा सकता है। भारत ने मलेशिया के जमीनी सैनिकों और वायु कर्मियों को प्रशिक्षण देने के अलावा एलसीए बेड़े के लिए पूर्ण रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधा बनाने की पेशकश की है। भारत और मलेशिया रक्षा सहयोग को उन्नत करने के लिए बहु-स्तरीय संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एक साथ हैं।
साभार -हिस

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