नई दिल्ली, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन के विकास और निर्माण में भारत के पास अपार संभावनाएं है। इस क्षेत्र में नवाचार करने की आवश्यकता है। केवल सरकार के प्रयासों से ही हरित ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकती है। डॉ. मनसुख मंडाविया आईआईटी दिल्ली के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘प्रोसेस इंडस्ट्री में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया का उत्पादन और उपयोग’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा मिशन को साकार करने के लिए अगले 25 वर्षों के लिए एक रोडमैप तैयार करना है। ऊर्जा हमारे देश की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण को न केवल हमारे देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए सस्ती और सुलभ बनाने की दिशा में काम करने चाहिए। देश के प्रति प्रतिबद्धता और समर्पण राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हम सौर ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और इसकी लागत कम करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और विश्व गुरु बन सकते हैं।
रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत के 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ किया। मिशन का उद्देश्य सरकार को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और भारत को हरित हाइड्रोजन हब बनाने में सहायता करना है। दुनिया हमारी हरित हाइड्रोजन नीति की ओर देख रही है और हम जल्द ही उत्पादन, भारी परिवहन रसद उद्योग और शिपिंग विवरण के साथ दस्तावेज़ लॉन्च करेंगे। हमारा लक्ष्य 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन की 500 गीगावाट उत्पादन लक्ष्य क्षमता हासिल करना है।
साभार -हिस
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