Home / National / पाकिस्तान के ख्वाजा दिल मोहम्मद की ऊर्दू पुस्तक ‘दिल की गीता’ के हिन्दी संस्करण का विमोचन

पाकिस्तान के ख्वाजा दिल मोहम्मद की ऊर्दू पुस्तक ‘दिल की गीता’ के हिन्दी संस्करण का विमोचन

हरिद्वार, कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम कनखल के स्वर्ण जयंती महोत्सव में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस खलीलुर्रहमान रम्दे ने कहा कि धर्म जोड़ता है, तोड़ता नहीं। इस दौरान उन्होंने संस्कृत गीता की अनुवादित उर्दू काव्य ‘दिल की गीता’ के हिन्दी संस्करण का विमोचन भी किया।
रिटायर्ड चीफ जस्टिस खलीलुर्रहमान रम्दे ने कहा कि धर्म का इस्तेमाल इकट्ठा करने के लिए करें ना कि बिखराव के लिए। सभी धर्म बुराई से लड़ने को प्रेरित करता है। धर्मों के बंधन लोगों ने बनाए हैं। सभी धर्मों का सार एक है। कुरान और गीता की शिक्षाओं पर पूछे गए सवाल पर पाकिस्तान के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि सभी धर्मों के धर्म ग्रंथ एक जैसी शिक्षाएं देते हैं। कोई भी धर्म नफरत फैलाने और जुल्म करने का पैगाम नहीं देता है, इसलिए सभी धर्मों का आदर करना चाहिए।
पाकिस्तान के शिक्षाविद ख्वाजा दिल मोहम्मद की ओर से संस्कृत गीता की अनुवादित उर्दू काव्य ‘दिल की गीता’ के हिन्दी संस्करण का विमोचन भी न्यायाधीश और संतों ने संयुक्त रूप से किया। ख्वाजा दिल मोहम्मद विभाजन से पूर्व लाहौर स्थित डीएवी कालेज के रजिस्ट्रार रहे हैं और उन्होंने ही आजादी से पूर्व श्रीमद्भगवद् गीता का संस्कृत से उर्दू काव्य के रूप में अनुवाद किया था। इसका नाम उन्होंने ‘दिल की गीता’ रखा था। इस ‘दिल की गीता’ का हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से रिटायर्ड जनसंपर्क अधिकारी प्रदीप कुमार जोशी और पाकिस्तान मूल के लक्ष्मण शर्मा ने हिन्दी में अनुवाद किया है। पूर्व न्यायाधीश ने शहीदे आजम भगत सिंह की फांसी के मुकदमे का ट्रायल भारत को दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। यह ट्रायल गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के म्यूजियम में रखा हुआ है। संतों ने उनका आभार जताया।
साभार -हिस

Share this news

About desk

Check Also

विहिप के 60 वर्ष: उपलब्धियां व चुनौतियाँ 

नई दिल्ली,देश की राजनैतिक स्वतंत्रता के पश्चात कथित सेक्युलर वाद के नाम पर हिन्दू समाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *