मुंबई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संत तुकाराम से प्रेरणा लेकर सरकार सबको साथ लेकर काम कर रही है। देहू में संत तुकाराम महाराज का शिला मंदिर न केवल भक्ति का केंद्र है, बल्कि सांस्कृतिक भविष्य को आकार देने वाला मंदिर भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को देहू में शिला मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मानव जन्म दुर्लभ है। जिन्हें संतों का सानिध्य प्राप्त होता था, उसे ईश्वर के दर्शन स्वत: हो जाते थे। मैं भाग्यशाली हूं कि देहु की पावन भूमि पर आया हूं, इसलिए मैंने भी इसका अनुभव किया है। कुछ महीने पहले मुझे पालखी मार्ग पर दो राष्ट्रीय राजमार्गों की आधारशिला रखने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि श्रीसंत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग पांच चरणों में शुरू होगा। संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग का काम 3 चरणों में पूरा किया जाएगा। इन सभी चरणों में 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से 350 किमी से अधिक राजमार्ग बनाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जिस शिला मंदिर का सार्वजनिक लोकार्पण हुआ है, उसी पत्थर पर तुकाराम महाराज ने 13 दिनों तक तपस्या की थी। इसलिए यह न केवल आधारशिला है बल्कि भक्ति और ज्ञान की आधारशिला भी है। देहु का शिला मंदिर न केवल भक्ति शक्ति का केंद्र है बल्कि भारत के सांस्कृतिक भविष्य भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संत नामदेव ने अपने उपदेश में कहा था कि ऊंच-नीच का भेदभाव करना पाप है। उनका यह उपदेश जितना धर्म के लिए सार्थक साबित होता है, उतना ही राष्ट्रभक्ति के लिए भी है। यही संदेश लेकर वारकरी समाज के लोग हर वर्ष पालखी निकालते हैं। साथ ही सरकार इस उपदेश को मानते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए काम कर रही है। अंत्योदय के माध्यम से समाज के निचले स्तर तक जनोपयोगी योजनाओं को पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जब जेल की सजा भुगत रहे थे, उस समय उन्हें संत तुकाराम के अभंगों से शक्ति मिलती थी। वे जेल में अभंग गाते थे। हमें हमारी पुरानी सांस्कृतिक पहचान और आधुनिक तकनीकी ज्ञान को साथ लेकर आगे चलना होगा। मौके पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे।
साभार -हिस
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