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सरकारों द्वारा नहीं बनाया जाता इतिहास, समाज को इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे का रास्ता प्रशस्त करना चाहिएः शाह

नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी समाज को अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना है तो उसे अपने इतिहास से प्रेरणा और सीख लेकर आगे का रास्ता प्रशस्त करना चाहिए। क्योंकि इतिहास सरकारों द्वारा नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि वह इतिहास को उसके वास्तविक रूप में पेश करने की पहल करे।

गृह मंत्री शाह ने यहां एनडीएमसी हॉल में ओमेन्द्रू रत्नू की पुस्तक, ‘महाराणाः सहस्त्र वर्षों का धर्मयुद्ध’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इतिहास सरकार और किताबों के आधार पर नहीं बनते हैं, सत्य घटनाओं के आधार पर बनते हैं।
शाह ने विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ भारतीय राजाओं द्वारा लड़े गए कई युद्धों को भुला दिए जाने पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि असम में अहोम राजाओं और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शिवाजी के नेतृत्व में मराठों द्वारा कि गई लड़ाइयों ने ही भारत को वह स्थान दिलाया है जहां वह आज है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि यह एक तथ्य है कि कुछ लोगों ने इतिहास को विकृत कर दिया है। उन्हें जो कुछ भी करना था, उन्होंने लिख दिया। किंतु, हमें अपने बारे में लिखने से कौन रोक सकता है ? शाह ने कहा कि हमें कोई नहीं रोक सकता। इतिहास सरकारों द्वारा नहां बनाया गया है बल्कि सच्ची घटनाओं पर बनता है।
उन्होंने कहा कि हमें टीका टिप्पणी छोड़ कर अपने गौरवशाली इतिहास को जनता के सामने रखना चाहिए, जब हमारा प्रयास बड़ा होगा तो झूठ का प्रयास खुद ही छोटा हो जायेगा। इसलिए हमें हमारा प्रयास बड़ा करने में अधिक ध्यान देना चाहिए। किसी भी समाज को अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना है तो अपने इतिहास से प्रेरणा और सीख लेकर आगे का रास्ता प्रशस्त करना चाहिए। इतिहास सरकार और किताबों के आधार पर नहीं बनते हैं, सत्य घटनाओं के आधार पर बनते हैं।
शाह ने कहा कि धर्म व संस्कृति की रक्षा हेतु मेवाड़ के महाराणाओं के हजारों वर्षों के संघर्ष व गौरवशाली इतिहास को इस पुस्तक में समाहित कर देश के सामने रखने का यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से बह रहे संस्कृति के धारा प्रवाह को अक्षुण्ण रखने वाले सभी योद्धाओं के पराक्रम व बलिदान को वे नमन करते हैं। उनके अतुलनीय संघर्ष से ही हमारी सनातन संस्कृति आज संरक्षित व संवर्धित हुई है। उन्होंने कहा कि हमें टीका टिप्पणी छोड़ कर अपने गौरवशाली इतिहास को जनता के सामने रखना चाहिए, जब हमारा प्रयास बड़ा होगा तो झूठ का प्रयास खुद ही छोटा हो जायेगा।
शाह ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हजारों साल तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए जो लड़ाई लड़ी है वो व्यर्थ नहीं गयी, आज देश फिर से सम्मान के साथ खड़ा हो रहा है।
साभार-हिस

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