आईसीएमआर के अध्ययन के मुताबिक मधुमेह टाइप 1 बीमारी युवाओं मे तेजी से बढ़ रही है। 5-7 साल के बच्चों में और 18 साल से पहले की उम्र के बच्चों में टाइप-1 का खतरा सबसे अधिक होता है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों का वजन कम होने लगता है। इनमें थॉयराइड का भी खतरा होता है। परिवार में अगर किसी को मधुमेह है तो भी बच्चों को हो सकता है। टाइप 1 मधुमेह के मरीजों के लिए आईसीएमआर की ओर से सलाह दी गई है कि वह अपने खाने में 50-55 फीसदी कार्बोहाइड्रेड, 10 फीसदी से अधिक सुक्रोज, 25-35 फीसदी फैट, 15-20 फीसदी प्रोटीन का इस्तेमाल करें।
साभार-हिस
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