टोक्यो/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) की घोषणा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनाने की सामूहिक इच्छा की घोषणा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज टोक्यो में एक इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) के लिए चर्चा शुरू करने के एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर. बिडेन और जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो के साथ अन्य साझेदार देशों के नेताओं ने वर्जुअल उपस्थिति दर्जा कराई। इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
लॉन्च समारोह के दौरान अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार प्रवाह का केंद्र रहा है। गुजरात के लोथल में दुनिया का सबसे पुराना वाणिज्यिक बंदरगाह है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा और रचनात्मक समाधान खोजने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आईपीईएफ की स्थापना के लिए आज प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही भागीदार देश आर्थिक सहयोग को मजबूत करने और साझा लक्ष्यों को हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए चर्चा शुरू करेंगे।
आईपीईएफ ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि आईपीईएफ हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में लचीलापन, स्थिरता, समावेशिता, आर्थिक विकास, निष्पक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के उद्देश्य से भाग लेने वाले देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है।
साभार-हिस
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