Home / National / एमटीएनएल हादसा- मदद को उतरा और खुद की जान गंवा बैठा तीन बच्चियों का पिता
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

एमटीएनएल हादसा- मदद को उतरा और खुद की जान गंवा बैठा तीन बच्चियों का पिता

  • हादसे के बाद टूट गया परिवार

नई दिल्ली,  समयपुर बादली इलाके में मंगलवार शाम एमटीएनएल केबल मरम्मत के लिए गहरे सीवर में उतरे तीन लोगों की जान बचाने उतरा सतीश खुद भी अपनी जान गंवा बैठा। वह घटनास्थल पर सवारी तलाश करने ई-रिक्शा लेकर पहुंचा था। बॉडी बिल्डिंग का शोक रखने वाले सतीश ने कोविड के दौरान बाउंसर की नौकरी गंवाई थी। तीन बच्चियों का पालन पोषण करने के लिए उसने ई-रिक्शा चलाना शुरु किया था।

सतीश कुमार शोर शराबा देखकर मौके पर पहुंचा। उसको बताया गया था कि सीवर में तीन लोग फंस गए हैं। उसने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए बिना सोचे समझे सीवर में तीनों लोगों को बचाने के लिये घूस गया था। उसको नहीं पता था कि अंदर जाना आसान है लेकिन बाहर जिंदा निकलना नामूमकिन हैं। सतीश के बड़े भाई कृष्ण ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में बताया कि सतीश शुरू से ही हिम्मत वाला और अपनी बॉडी को बनाने वाला इंसान था।
वह हरियाणा के डकोरा गांव का रहने वाला था। पिछले काफी समय से रोहिणी इलाके में रह रह रहा था। परिवार में पत्नी नेहा, तीन बेटी तिशा(14), आठ वर्षीय कृतिका और तीन वर्षीय अरबी है। वह लॉक डाउन से पहले लाडो सराय में बाउंसर की नौकरी करता था। लेकिन लॉकडाउन लगने पर उसकी नौकरी छूट गई थी। जिसके बाद उसने ई रिक्शा चलाना शुरू कर दिया था।
उसके पिता रत्नलाल का बचपन में ही देहांत हो गया था। उन्होंने बताया कि सुबह किसी का फोन घर पर आया था। जिसके बाद उसकी पत्नी को बताने की किसी की भी हिम्मत नहीं हुई। सतीश अपनी तीनों बेटियों को अच्छी शिक्षा देकर किसी बड़े पद पर देखना चाहता था। वह हमेशा बोलता था कि वह अपनी बेटियों के लिये दिन रात मेहनत कर रहा है।
सुबह अखबार में पढक़र बातें कर रहे थे,नहीं पता था मरने वालों में अपना भी है
मरने वालों में पिंटू के रिश्तेदारी में लगने वाले भांजे सिलोंधर कुमार ने बताया कि वह बुराड़ी नत्थूपुरा में किराये के मकान पर रहकर बी एड की पढ़ाई कर रहा है। सिलोंधर ने बताया कि पिंटू मूलरूप से झारखंड का रहने वाला था। वह तिलक नगर गोपाल नगर में अपनी पत्नी दो बेटा बेटी अंकित (12) और काजल (10) के साथ रहता था। पिंटू के पिता की का देहांत हो चुका है। झारखंड स्थित गांव में बुढ़ी मां रहती है।
पिंटू चार पांच साल से एमटीएनएल में सूरज नामक ठेकेदार के साथ बिजली का काम करता था। सुबह वह अखबार पढ रहे थे। जिसमें मामले की खबर पढकर आपस में ही बातें कर रहे थे। लेकिन नहीं पता था कि जो खबर पढ़ रहे हैं उसमें उनका मौसा पिंटू भी होगा। उसके कुछ ही देर बाद किसी ने उनको फोन कर हादसे की जानकारी दी। जिसके तुरंत बाद अपने रिश्तेदारों व जानकारों को फोन वह हादसे वाली जगह पर गया और फिर अस्पताल आया।
यहां से कुछ समाजसेवी लोगों ने पिंटू के शव को गांव ले जाने के लिये एंबुलेंस के पैसे दिये हैं। लेकिन गांव जाने के बाद जब पिंटू की मां को पता लगेगा,तो साहब वो तो मर ही जाएगी। उसको अभी किसी ने नहीं बताया है। पिंटू के परिवार का क्या होगा,कुछ समझ नहीं आ रहा है। उनसे अभी तक किसी ने मिलकर आश्वासन तक नहीं दिया है। वह खुद को बेबस सा महसूस कर रहे हैं।
रात को आते नहीं थे तो सोचा सुबह आ जाएंगे,लेकिन मरने की आई खबर-भतीजा
चाचा बच्चू सिंह ने शादी नहीं की थी। वह हमारे साथ ही उत्तम नगर के भगवती नगर इलाके में ही रहते थे। चाचा ने शादी नहीं की थी। वो सूरज नामक ठेकेदार के साथ करीब 35 साल से एक साथ काम कर रहे थे। बच्चू सिंह के भतीजे धर्मवीर ने बताया कि अक्सर चाचा काम होने पर रात को घर नहीं आते थे। उनको भी पता होता था कि चाचा काम में ही फंस गए होगें। रात को भी यहीं सोचकर सभी सो गए थे। किसी ने भी उन से संपर्क नहीं किया था। लेकिन नहीं पता था कि सुबह उनकी मौत की खबर आ जाएगी।
सुबह उनको उनके साथ काम करने वाले किसी लेबर ने फोन कर हादसे की जानकारी दी थी। जिसके तुरंत बाद उन्होंने ठेकेदार सूरज को फोन किया। फोन सूरज के बेटे हन्नी साहनी ने उठाया था। जिन्होंने बताया कि उसके पिता भी हादसे का शिकार हो गए हैं। जिसके बाद वह हादसे वाली जगह परिवार वालों के साथ पहुंचा और फिर अस्पताल आए हैं।
पता नहीं था कि ऐसा हो जाएगा,काश यह सब झूठ हो जाता
तिलक नगर प्रेम नगर में रहने वाले सूरज साहनी के परिवार वालों ने उनको अभी तक यकीन नहीं हो रहा है कि उनके परिवार का सदस्य अब उनके साथ नहीं रहा है। जो सुबह घर से सभी से बात करके निकलता था। सूरज के परिवार में पत्नी सुनीता और बेटा पीयूष साहनी और बेटी है। सूरज कई बार रात को नहीं आते थे। इसीलिए किसी ने चिंता नहीं की थी। लेकिन सुबह किसी ने फोन कर हादसे की जानकारी दी थी। जिसके बाद पैरों तले जमीं खिसक गई। परिवार वाले तुरंत हादसे की जगह के बाद अस्पताल पहुंचे हैं। सूरज काफी सालों से ठेकेदारी का काम करते थे।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

Mahalakshmi महालक्ष्मी को 50 टुकड़ा करने वाला आरोपी ओडिशा में

महालक्ष्मी को 50 टुकड़ा करने वाला आरोपी ओडिशा में

तलाश के लिए कर्नाटक ने से भेजी गईं चार पुलिस टीमें पुलिस ने 2-3 लोगों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *