राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इसकी जानकारी दी। प्रश्न में तिब्बती, उइगर, मंगोलियाई और अन्य लोकतांत्रिक मतभेद रखने वाले समुदायों सहित चीन के समुदायों से प्राप्त शरण और नागरिकता के अनुरोध का ब्यौरा मांगा गया था।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि सभी विदेशी नागरिक विदेशी अधिनियम 1946, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939, पासपोर्ट अधिनियम 1920 और नागरिकता अधिनियम 1955 में निहित प्रावधानों के तहत आते हैं। ऑनलाइन नागरिकता मॉड्यूल में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चीनी नागरिकों के 10 आवेदन नागरिकता के लिए अभी तक लंबित है।
साभार-हिस
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