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देवभूमि के धरोहर और प्रकृति की सुंदरता को बताएगी वसंतोत्सव: राज्यपाल
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दो दिवसीय वसंतोत्सव 08 मार्च से, लोकपर्व ‘फूलदेई’ से होगा आगाज
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स्पेशल पोस्टल कवर ‘यमुना तुलसी’ पर होगा जारी
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‘फूलों की होली’ थीम पर होगा मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
देहरादून, राजभवन में दो दिवसीय वसंतोत्सव उत्तराखंड के लोकपर्व ‘फूलदेई’ के आयोजन के साथ 08 मार्च से समरसता के संदेश के साथ शुरू होगा। इस बार यमुना तुलसी (कुण्ज) पर स्पेशल पोस्टल कवर, डाक विभाग की ओर से जारी किया जाएगा।
पुष्प प्रदर्शनी के साथ ही सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के बैंड आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इसके साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के लिए स्टाल लगाए जाएंगे। यह परंपरा साल 2003 से चली आ रही है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से प्रकृति प्रेमी आते हैं। वसंतोत्सव को सोशल मीडिया पर भी प्रसारित किया जाएगा।
शनिवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने दो दिवसीय वसंतोत्सव 8 और 9 मार्च के आयोजन को लेकर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकपर्व फूलदेई के आयोजन के साथ राजभवन में वसंत उत्सव 2022 का पूरे उत्साह के साथ आयोजन किया जा रहा है। इस बार मशरूम, शहद उत्पादन, जड़ी बूटी, जैविक खेती आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले को सम्मानित किया जाएगा। शहद उत्पादन, इत्र, ऐरामेटिक पौधों, औषधीय जड़ी बूटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही यह आयोजन समरसता के संदेश को लेकर देवभूमि की परंपरा को पूरे विश्व में फैलाने का काम करेगी। इसके लिए विभिन्न प्रचार के माध्यमों के साथ सोशल मीडिया के जरिए इस खूबसूरत पुष्प प्रदर्शनी की महक को देश-विदेशों में पहुंचाया जाएगा ताकि आने वाले समय में पुष्प कारोबार में और तेजी आ सके।
राज्यपाल ने बताया कि उत्तराखंड गठन के समय राज्य में 150 हेक्टेयर फूलों की खेती होती थी। अब 1610.93 हेक्टेयर में की जा रही है। इसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी, आर्किड आदि का प्रमुखता से व्यवसायिक उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 3022.90 मैट्रिक टन लूज फ्लावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) और 14.43 करोड़ कटफ्लावर का उत्पादन हो रहा है। वर्तमान में राज्य में लगभग 250 करोड़ के फूलों का व्यापार किया जा रहा है। अब इसे और स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन के साथ बढ़ाने पर काम करना है।
वसंत उत्सव के माध्यम से उत्तराखंड में फ्लोरीकल्चर और ऐरोमेटिक पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर जोर है। भविष्य में उत्तराखंड दुनियाभर में फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में एक बड़े डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा। फूलों की खेती के माध्यम से किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य को पूरा पर फोकस है। यह आयोजन राज्य के दूर-दराज के पुष्पोत्पादन,जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों और अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों, उत्पादकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य को ध्यान रखकर आयोजित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने बताया कि इस वर्ष के लिए चयनित उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पवित्र माने जाने वाले मां यमुना के मन्दिर में अर्पित किए जाने वाली यमुना तुलसी (कुण्ज) पर स्पेशल पोस्टल कवर, डाक विभाग की ओर से जारी किया जाएगा। इस अवसर पर नन्ही बालिकाओं द्वारा राजभवन प्रांगण में फूलदेई पर्व की औपचारिकताएं पूरी की जाएगी।
वसंतोत्सव 2022 में शहद उत्पादन, इत्र, ऐरामेटिक पौधों,औषधीय जड़ी बूटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्यपाल द्वारा मशरूम, शहद उत्पादन, जड़ी बूटी, जैविक खेती आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच ब्राण्ड एम्बेसडर को सम्मानित किया जाएगा। खाद्य फूलों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस वर्ष फूलों की प्रदर्शनी के साथ ही विभिन्न प्रकार के सजावटी गमलों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेगी। कारीगरों और छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन के लिए तीन श्रेणियों में प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा। दिव्यांग बच्चों के लिए राजभवन परिसर में 10 व्हीलचेयर की व्यवस्था की जायेगी।
स्कूली बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता-
वसंत उत्सव में 5 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के सभी स्कूली बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। इस चित्रकला प्रतियोगिता में विभिन्न अनाथालयों में रहने वाले बच्चों, दिव्यांग बच्चों और रैग पिकर्स बच्चों को भी विशेषरूप से आमंत्रित किया जाएगा।
विद्यालयी और अन्य बच्चों हेतु पेंटिंग प्रतियोगिता (05 से 18 वर्ष आयु वर्ग) 12 मुख्य प्रतियोगिताओं की श्रेणी में कुल 51 उप श्रेणी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जायेगें। इस प्रकार कुल 153 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त को विजेताओं को प्रदान किये जाएंगे।
पेंटिंग प्रतियोगिता के लिए पुरस्कारों की घोषणा की गई है। राज्यपाल की ओर से बच्चों को सम्मानित करके उनका उत्साहवर्धन किया जाएगा।
पुष्प-प्रदर्शनी –
पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन 08 मार्च को सुबह दस बजे किया जाएगा। इसके बाद दस बजकर दस मिनट पर विशेष डाक टिकट का विमोचन किया जाएगा। फिर राज्यपाल पुष्प प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। पुष्प प्रदर्शनी आम जनता के लिए दोपहर 12 बजे से सायं 6 बजे तक रहेगा। छह बजे से 6.30 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम, इसके बाद सात बजे तक होली मिलन कार्यक्रम होगा। अगले दिन 09 मार्च को सुबह 09 बजे से सायं 6 बजे तक खुली रहेगी। 8 मार्च को ही सायं संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक कलाकारों की ओर से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत की जायेगी।
फूलों की होली सांस्कृतिक थीम-
उत्तराखंड के लोकगीतों के साथ राज्यपाल का स्वागत किया जाएगा। इस वर्ष वसंत उत्सव पर आईएचएम व जीएमवीएन के साथ ही राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट लगाए जाएंगे। राज्य के स्थानीय फूलों और भोजन उत्पाद पर जोर है। फूलों की होली सांस्कृतिक कार्यक्रमों की थीम होगी। आईटीबीपी, आईएमए बैण्ड के साथ ही अन्य विशिष्ट प्रदर्शनों की ओर से आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी।
उत्सव में 30 विभाग और संस्थाएं-
उत्सव में 30 विभाग और विभिन्न संस्थाएं प्रतिभाग कर रही हैं। इसके साथ ही केन्द्रीय संस्थानों के अलावा राज्य सरकार की संस्थान भी भाग ले रही हैं। इस वर्ष भी व्यावसायिक,निजी पुष्प उत्पादकों सहित विभिन्न सरकारी उद्यानों की पुष्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता,पुष्प आधारित रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। फूलों और प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी, पेंटिंग और विशेष डाक टिकटों की प्रदर्शनी के स्टाल लगाए जाएंगे। पुष्प प्रदर्शनी, प्रतियोगिता के लिए विभिन्न श्रेणियों की कई प्रतियोगिताएं होंगी। इनमें कट फ्लावर,पॉटेड प्लांट अरेंजमेंट,लूज फ्लावर अरेंजमेंट,हैंगिंग पॉट्स जैसी सभी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ ‘ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी’ भी आयोजित होंगी। 09 मार्च को ‘पुष्प प्रदर्शनी’ के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को राज्यपाल की ओर से पुरस्कृत करने के साथ ही दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा।
पत्रकार वार्ता में सचिव डॉ. मीनाक्षीसुन्दरम, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग डा. एचएस बावेजा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
साभार-हिस