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नई शिक्षा नीति से नवाचार, शोध और विज्ञान को मिल रहा है बढ़ावा- जितेन्द्र सिंह

नई दिल्ली, केन्द्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ सालों में देश में विज्ञान के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां हासिल हुई हैं, इन उपलब्धियों को सांस्कृतिक विरासत से जोड़ कर आगे के लिए एक रोड मैप तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति ने भारत के गौरवशाली इतिहास और भारतीय सांस्कृतिक विरासत पर बल देने के साथ-साथ विज्ञान एवं नवाचार को बढ़ावा देने का काम किया है। विज्ञान का उद्देश्य नवाचार के साथ आम आदमी के जीवन में सरलता लाना होना चाहिए। मौजूदा समय में इसका सबसे अच्छा उदाहरण कोरोना रोधी वैक्सीन का निर्माण करना है। कोरोना के खिलाफ जंग में देश की135 करोड़ जनता के लिए वैक्सीन राहत लेकर आया है।

वे विज्ञान भवन में आयोजित विज्ञान सर्वत्र पूज्यते उत्सव के आगाज के मौके पर बोल रहे थे। इस मौके पर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आजादी के 75वें साल में हम प्रवेश कर चुके हैं। इस यात्रा में देश काफी आगे निकल चुका है। पहले देश में वैज्ञानिक विदेशों से बुलाए जाते थे, और आज हमारे वैज्ञानिक मंगलयान के चित्र नासा को उपलब्ध करा रहे हैं। यही नहीं माइक्रोसॉफ्ट, ट्वीटर जैसी कई प्रमुख कंपनियों के प्रमुख आज भारतीय हैं।
इस मौके पर मौजूद केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना जैसी महामारी को हराने का श्रेय वैज्ञानिकों को जाता है। वैज्ञानिकों ने वैक्सीन दे कर संर्पूण मानवता की सेवा की है । भारत ने 150 से अधिक देशों को वैक्सीन देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। आने वाले 25 साल हमारे देश के लिए अमृत काल है । साल 2047 के बाद युवा जनसंख्या कम हो जाएगी। हमारे देश को शक्तिशाली बनाने के लिए 25 साल बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें वैज्ञानिकों का योगदान महत्वपूर्ण रहने वाला है। देश में 35 साल के बाद नयी शिक्षा नीति लागू हुई है। इसमें शोध , स्किल पर जोर दिया गया है। नए आविष्कारों के लिए प्रेरित करना इसका मकसद है। इसके लिए शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि देश में 25 साइंस म्यूजिम बनाए जा चुके हैं और 18 और नए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं।

इस अवसर पर वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. विजय राघवन ने कहा कि शोध और नवाचार सिर्फ अनुसंधान केन्द्रों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि इसे विश्वविद्यालयों के स्तर पर भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आने वाले 25 सालों में विज्ञान की भूमिका सभी क्षेत्रों में अहम रहने वाली है फिर चाहे कृषि का क्षेत्र हो या फिर जलवायु परिवर्तन। सभी क्षेत्रों में चुनौतियों का हल विज्ञान से ही निकल कर आएगा।
उल्लेखनीय है कि देश भर में 22 फरवरी से 28 फरवरी तक विज्ञान सर्वत्र पूज्यते उत्सव मनाया जा रहा है। इस मौके पर जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एक विज्ञान एक्पो भी आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ देश के 75 स्थानों पर यह उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
साभार-हिस

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