हरदोई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर आतंकवादियों को प्रश्रय देने का आरोप लगाते हुये कहा कि जिन आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट कर नागरिकों के खून से सड़कों को लाल कर दिया था, उसे समाजवादी पार्टी की सरकार ने बरी करने का काम किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता के लिए देश की सुरक्षा से समझौता करने वाली पार्टियों से सावधान रहने की जरूरत है।
आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को हरदोई की जनसभा में कहा कि उप्र में एक-दो नहीं, बल्कि आतंकी हमलों के 14 मुकदमों में समाजवादी सरकार ने बहुत सारे आतंकवादियों से मुकदमे वापस लेने का फरमान सुना दिया था। आतंकी विस्फोट कर रहे थे। धमाके कर रहे थे और समाजवादी पार्टी सरकार इन आतंकवादियों पर मुकदमा तक नहीं चलने दे रही थी।
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल ऐसे ही आतंकवादियों के प्रति मेहरबान रहे हैं। वोट-बैंक के स्वार्थ में कुछ राजनीतिक दल आतंकवाद को लेकर नरमी बरतते हैं। यह देश की सुरक्षा के लिए बहुत खतरे की बात है। इसलिए हर देशवासी को इसके बारे में जरूर जानना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि 2006 में उत्तर प्रदेश के काशी स्थित संकट मोचन मंदिर के बाहर भी धमाका किया गया था। कैंट रेलवे स्टेशन पर भी हमला किया गया था। उस वक्त प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। 2013 में फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार आई, तो शमीम अहमद नाम के जिस आरोपित पर मुकदम चल रहा था, उसे सपा सरकार ने वापस लेने का फैसला किया था। लेकिन, अदालत ने समाजवादी सरकार की साजिश को नहीं चलने दिया और उस आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेसी नेताओं के रवैया को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों के नेता ओसामा जैसे आतंकवादी को जी कहकर बुलाते हैं। बाटला हाउस इनकाउंटर में आतंकवादियों के सफाये पर आंसू बहाते हैं। किसी दिन भारतीय सेना का अपमान करते हैं तो किसी दिन पुलिस को बेइज्जत करते हैं। जबकि, हमारी सरकार ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनवाया है। हम हर शहीद का सम्मान करते हैं।
प्रधानमंत्री यहीं नहीं रुके। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि उस दिन को मैं कभी भूल नहीं सकता। उसी दिन मैंने संकल्प लिया था कि मेरी सरकार इन आतंकवादियों को पाताल से भी खोजकर सजा देगी। कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद बम धमाके के दोषियों को सजा मिली है। जो हम भारतीयों को तबाह करना चाहते थे, उन्हें अदालत ने सजा सुनाई है। अनेक आतंकवादियों को फांसी की सजा मिली है।
आगे उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक मैं इसलिए चुप रहा, क्योंकि अहमदाबाद ब्लास्ट केस की सुनवाई चल रही थी। आज जब अदालत ने आतंकियों को सजा सुना दी है, तो मैं विषय को देश के सामने उठा रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कई आतंकी मॉड्यूल को खत्म करने के लिए गुजरात पुलिस की सराहना भी की।
नरेन्द्र मोदी ने पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि विकास के कार्यों में उसने केंद्र के साथ हमेशा असहयोग का रुख अपनाया। 2014 से 17 के बीच केंद्रीय परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश में समर्थन नहीं मिला। जब केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार आयी तो विकास के कार्य हुये।
इस संदर्भ में आगे उन्होंने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार ने उप्र में ‘जमीन पर कब्जा करने वालों के कारोबार’ को खत्म कर दिया है। माफियावादियों की सरकार में एक बड़ा धंधा जमीन पर अवैध कब्जों का भी चलता था। नेताओं के गुर्गे किसी भी जमीन पर अपना कब्जा समझने लगते थे। लेकिन, डबल इंजन की सरकार ने इनके इस धंधे का शटर भी गिरा दिया है।
समाजवादी पार्टी की ओर से मुफ्त बिजली देने के वायदे पर चुटकी लेते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, “घोर परिवारवादी, आपको बिजली नहीं, बिजली का झटका देने के लिए तैयार बैठे हैं। जिनके काले कारनामे ही अंधेरे में फलते-फूलते हों, वो परिवारवादी कभी प्रदेश को उजाला नहीं दे सकते।”
प्रधानमंत्री मोदी ने समाजवादी पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का सीधा आरोप लगाते हुये कहा कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश में दो बार होली खेली जाएगी। पहली होली 10 मार्च को चुनाव परिणाम वाले दिन भाजपा की बंपर जीत के साथ होगी। लेकिन, इसके लिये आपको बढ़-चढ़कर मतदान केंद्रों पर जाना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले माफियावादियों ने उप्र का ऐसा हाल बना दिया था कि व्यापारियों को व्यापार करने में डर लगता था। राहजनी, छिनैती, लूट आम बात हो गई थी। लोग कहते थे, ‘दिया बरे’ घर लौट आओ। हरदोई वालों ने वह दिन देखे हैं कि कैसे इन लोगों ने कट्टा और सट्टा वालों को खुली छूट दे रखी थी।
उन्होंने कहा कि हमारी माताएं परेशान रहती थीं कि बेटे-बेटी घर से निकले हैं तो कोई घटना न हो जाए। अपराधियों को इन घोर परिवारवादियों की सरकार का पूरा संरक्षण होता था। हरदोई की जनता देख रही है कि आज कैसे सबका हिसाब हो रहा है। माफिया, अपराधी खुद जमानत रद्द करवाकर जेल के भीतर पहुंचे हुए हैं।
साभार-हिस