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अजमेर दरगाह से जुड़े सभी पक्षों ने बैठक करके सालाना उर्स मनाने का लिया फैसला
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राज्य सरकार से जायरीनों को जियारत करने की छूट देने के लिए अनुरोध किया गया
अजमेर/नई दिल्ली, दुनियाभर में मशहूर अजमेर स्थित ख्वाजा ग़रीब नवाज़ दरगाह पर हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के 810वें सालाना उर्स को लेकर दरगाह कमेटी ने दरगाह शरीफ़ से जुड़े सभी पक्षों के साथ एक बैठक की। दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ख्वाजा ग़रीब नवाज़ का 810वां उर्स मुबारक हर साल की तरह इस साल भी परंपरानुसार मनाया जाएगा। उर्स के दौरान कोरोना गाइडलाइन के दिशा-निर्देशों के पालन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया गया है।
इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया कि उर्स शरीफ़ के आयोजन के सम्बंध में दरगाह शरीफ़ से जुड़ी सभी संस्थाओं और प्रतिनिधियों के जरिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाएगा कि उर्स अवधि के दौरान दरगाह क्षेत्र में दिशा-निर्देशों के क्रम में छूट प्रदान की जाए क्योंकि देशभर से जायरीन के अजमेर आने के बाद उन्हें दरगाह शरीफ़ की जियारत के लिए रोकना और उन पर पाबंदी लगाना मुनासिब फैसला नहीं है।
बैठक में सज्जादानशीन साहब के प्रतिनिधि सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती, अंजुमन सैयदज़ादगान से सैयद मोईन हुसैन चिश्ती, सैयद वाहिद हुसैन, अंजुमन यादगार से शेखज़ादा मोहम्मद सुब्हान चिश्ती, शेखज़ादा जाहिदुल हक, सरगना हफ्तबारीदारान से सैयद अनीस चिश्ती, सैयद सरवत संजरी, सैयद सदरूद्दीन चिश्ती, डॉ. अब्दुल माजिद चिश्ती, सैयद तौफिक चिश्ती, शेखज़ादा अजगर मोहम्मद चिश्ती, शेखज़ादा अयाजुर्रहमान चिश्ती आदि मौजूद थे।
इससे पहले दरगाह कमेटी की उर्स सब कमेटी की बैठक सदर अमीन पठान की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में दरगाह कमेटी ने निर्णय लिया कि पूर्व की भांति इस वर्ष भी परंपरानुसार ख्वाजा साहब के उर्स का आयोजन किया जाएगा। इसमें राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाएगा कि उर्स अवधि के दौरान जायरीन की सुविधा के मद्देनज़र आदेशों में नरमी प्रदान करें। बैठक में नायब सदर मुनव्वर खान, सैयद बाबर अशरफ, सपात खान, वसीम राहत अली, जावेद पारेख एवं नाज़िम शादां जैब खान उपस्थित रहे।
साभार-हिस