चंद्रपुर, महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में स्थित ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य में शनिवार सुबह बाघिन के हमले में महिल वनकर्मी की मौत हो गई। महिला वनकर्मी का नाम स्वाती दुमाने था। हमले के वक्त वह अपनी टीम के साथ बाघों की गणना के लिए सर्वेक्षण कर रही थीं।
ताडोबा अंधारी बाघ अभयारण्य के मुख्य वन संरक्षक डॉ. जितेंद्र रामगांवकर ने बताया कि बाघिन के हमले में जान गंवाने वाली स्वाती दुमाने अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र के तहत कोलारा फॉरेस्ट रेंज में पदस्थ थीं। घटना के समय स्वाती अपने अन्य तीन साथियों के साथ बाघों के सर्वेक्षण के लिए गई थीं। बकौल रामगांवकर, दुमाने ने तीन सहायकों के साथ अखिल भारतीय बाघ अनुमान (एआईटीई)-2022 के तहत शनिवार सुबह 7 बजे संकेत सर्वेक्षण शुरू किया। अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र के अंतर्गत कोलारा गेट से कंपार्टमेंट नंबर 97 तक लगभग चार किलोमीटर चलने के बाद, टीम ने एक बाघिन को सड़क पर आगे बैठे देखा, जो उनसे लगभग 200 मीटर की दूरी पर थी। टीम ने लगभग आधे घंटे तक इंतजार किया और जंगल के एक घने हिस्से के माध्यम से चक्कर लगाने की कोशिश की।
डॉ. जितेंद्र ने बताया कि मानवी गतिविधियों का अहसास होने के बाद बाघिन ने वनकर्मियों का पीछा किया और स्वाती दुमाने पर हमला कर उन्हें जंगल के अंदर घसीटकर ले गई। घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को खोज कर पोस्टमार्टम के लिए चिमूर सरकारी अस्पताल भेजा। इस हादसे से वन कर्मचारियो में खौफ का माहौल है। नतीजतन घटना के बाद संकेत सर्वेक्षण और पैदल भ्रमण की कवायद को अगली सूचना तक रोक दिया गया है।
साभार-हिस