जम्मू. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सीमा पर जवानों के साथ दीपावली उत्सव मनाया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिवाली का आज पावन त्योहर है और हर किसी का मन करता है कि दिवाली अपने परिवार के लोगों के बीच में मनाये. मेरा भी मन करता है कि मैं दिवाली मेरे परिवारजनों के बीच में मनाओं और इसीलिए हर दिवाली मैं मेरे परिवारजनों के बीच में मनाने के लिये आता हूं क्योंकि आप मेरे परिवारजन हैं, मैं आपके परिवार का साथी हूं. तो मैं यहां प्रधानमंत्री के रूप में नहीं आया हूं. मैं आपके परिवार के एक सदस्य के रूप में आया हूं. आप सभी के बीच आना, जो भाव अपने परिवार के बीच जाकर के होता है, वही भाव मेरे मन में होता है और जब से मैं इस संवैधानिक जिम्मेदारी को संभाल रहा हूं, आज उसको 20 साल से भी अधिक समय हो गया है. बहुत लंबे अरसे तक मुझे देशवासियों ने इस प्रकार की सेवा का मौका दिया. पहले गुजरात वालों ने दिया, अब देशवासियों ने दिया. लेकिन मैंने हर दिवाली सीमा पर तैनात आप मेरे परिवारजनों के बीच बितायी है. आज मैं फिर आपके बीच आया हूं, आपसे नई ऊर्जा लेकर के जाऊंगा, नया उमंग लेकर के जाऊंगा, नया विश्वास लेकर के जाऊंगा. लेकिन मैं अकेला नहीं आया हूं. मैं मेरे साथ 130 करोड़ देशवासियों के आर्शीवाद आप के लिए लेकर के आया हूं, ढेर सारा आर्शीवाद लेकर के आया हूं. आज शाम को दिवाली पर एक दीया, आपकी वीरता को, आपके शौर्य को, आपके पराक्रम को, आपके त्याग और तपस्या के नाम पर और जो लोग देश की रक्षा में जुटे हुए हैं, ऐसे आप सब के लिए हिन्दुस्तान के हर नागरिक वो दिये की ज्योत के साथ आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं भी देता रहेगा. और आज तो मुझे पक्का विश्वास है कि आप घर पर बात करेंगे, हो सकता तो फोटो भी भेज देंगे और मुझे पक्का विश्वास है आप कहेंगे हां यार इस बात तो दिवाली कुछ और थी, कहेंगे ना. देखिये आप रिलैक्स हो जाईये, कोई आपको देखते नहीं है, आप चिंता मत कीजिए. अच्छा आप ये भी बताएंगे ना कि मिठाई भी बहुत खाई थी, नहीं बतायेंगे?
उन्होंने कहा कि आज मेरे सामने देश के जो वीर हैं, देश की जो वीर बेटियां हैं, वो भारत मां की ऐसी सेवा कर रहे हैं, जिसका सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता है, किसी किसी को ही मिलता है. जो सौभाग्य आपको मिला है. मैं देख रहा हूँ, मैं महसूस कर रहा हूँ आपके चेहरे के उन मजबूत भावों को मैं देख रहा हूं. आप संकल्पों से भरे हुए हैं और यही आपके संकल्प, यही आपके पराक्रम की पराकाष्ठा की भावनाएं, चाहे हिमालय हो, रेगिस्तान हो, बर्फीली चोटियां हों, गहरे पानी हों, कहीं पर भी आप लोग मां भारती का एक जीता-जागता सुरक्षा कवच हैं. आपके सीने में वो जज्बा है जो 130 करोड़ देशवासियों को भरोसा होता है, वो चैन की नींद सो सकते हैं. आपके सामर्थ्य से देश में शांति और सुरक्षा एक निश्चिंतता होती है, एक विश्वास होता है. आपके पराक्रम की वजह से हमारे पर्वों में प्रकाश फैलता है, खुशियां भर जाती हैं, हमारे पर्वों में चार चांद लग जाते हैं. अभी दीपावली के बाद गोवर्धनपूजा, फिर भैयादूज और छठ पर्व भी बिल्कुल गिनती के दिनों में सामने आ रहा है. आपके साथ ही मैं सभी देशवासियों को नौशेरा की इस वीर वसुंधरा से, इन सभी पर्वों के लिए देशवासियों को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. देश के अन्य हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग आज दिवाली का जब दूसरा दिन होता है तो नववर्ष की भी शुरुआत करते हैं और हमारे यहां तो हिसाब-किताब भी दिवाली से पूरा होता है और दिवाली के दूसरे दिन से शुरू होता है. खासकर के गुजरात में कल नया साल होता है. तो मैं आज नौशेरा की इस वीर भूमि से गुजरात के लोगों को भी और जहां-जहां नववर्ष मनाते हैं उन सबको भी अनेक-अनेक मंगलकामनाएं उनके लिये देता हूँ.