नई दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की। पार्टी ने निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा न्यायाधीशों के आयोग से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पीड़ित चाहते हैं कि उन्हें न्याय मिले। उन्होंने कहा कि हत्यारोपी का पिता मंत्री पद पर है ऐसे में जब तक वह पद पर हैं सही न्याय नहीं मिल सकता। उल्लेखनीय है कि अजय मिश्रा के बेटे अशीश मिश्रा पर मामले में आरोप लगें हैं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
कांग्रेस के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद शामिल थे। नेताओं ने राष्ट्रपति से लखीमपुर खीरी मामले की दो मौजूदा न्यायाधीशों के आयोग से स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।
नेताओं ने राष्ट्रपति से कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों की ‘निर्मम हत्या’ की गई है और देश की ‘आत्मा को झकझोर’ कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि दिन दिहाड़े की गई इन हत्याओं पर केन्द्र और राज्य सरकार के अक्खड़ रवैये ने आम जनता का जांच कर रहे लोगों पर से विश्वास उठा दिया है।
राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं और सरकार उनसे किसी सार्थक बातचीत को तैयार नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सरकार का मकसद है कि किसानों को थकाकर और हताश कर दिया जाए। सरकार की यह नीति विफल होने वाली है।
ज्ञापन में घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कहा गया है कि 27 सितंबर को किसानों ने भारत बंद का आयोजन किया था। इस दौरान अजय मिश्रा ने खुले मंच से किसानों को धमकाया था। इस धमकी की वीडियो सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। ऐसे में जब नेता ही ऐसा बयान देगा तो न्याय कैसे संभव होगा। 3 अक्टूबर को किसान शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद ‘पूर्व नियोजित और झकझोर’ देने वाली हत्या हुई जिन्हें कैमरे पर भी रिकॉर्ड किया गया। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इस पर रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया।
ज्ञापन के अनुसार कांग्रेस का मानना है कि हाई प्रोफाइल लोगों के शामिल होने से मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। ऐसे में कांग्रेस की मांग है कि स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए।
साभार-हिस