बेगूसराय, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (जीविका-एनआरएलएम) के जीविका दीदी कि आय दस हजार रुपये महीना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
गिरिराज सिंह ने शनिवार को यहां के डीआरडीए सभागार में जीविका एवं स्वयं सहायता समूह के जीविका दीदियों अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करना है। जिसमें जीविका के बहन की आय दस हजार रुपये महीना हो सके, इसके लिए आने वाले समय में बेगूसराय में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जीविका दीदियों के हाथ में प्रत्येक माह दस हजार रुपये आ जाए तो आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल बनेगी। इनकी आमदनी दस हजार महीना कैसे हो, इसका आइडिया जीविका के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर देंगे, उसके बाद का आइडिया जिला, राज्य और केंद्र देगा। सब मिलकर जीविका दीदी की आय में वृद्धि के लिए लगातार प्रयासरत हैं और प्रयासरत रहेंगे। बेगूसराय जिला को इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। कार्यरत सवा तीन लाख जीविका दीदियों के घर की आमदनी दस हजार रुपया महीना हो जाए तो सिर्फ बेगूसराय जिला में तीन हजार करोड़ से ऊपर का जीडीपी होगा। इसके लिए दीदियों से प्रोडक्शन कराना और अधिकारियों को मिलकर मार्केटिंग की दिशा में सार्थक पहल करना होगा। पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की चिंता नहीं करना है। सबसे बड़ी बात है कि जीविका दीदियों को प्रोत्साहित किया जाए, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) का एनपीए कम करना है। कलस्टर और विभिन्न ऑर्गेनाइजेशन को एक दूसरे से जोड़ना है, जो जीविका दीदी जो प्रोड्यूस करें।
गिरिराज सिंह ने कहा कि मार्केटिंग के लिए अच्छी तरह से पहल हो मेरा उद्देश्य है कि हम एनपीए जीरो पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करना है। गरीबों की सहज क्षमताओं का सदुपयोग और देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था में उनका योगदान हो, जिसके लिए उनकी सूचना, ज्ञान, कौशल, संसाधन, वित्त तथा सामूहिकीकरण से जुड़कर क्षमताएं विकसित की जाय। बैठक के दौरान गिरिराज सिंह ने जीविका दीदियों आय में वृद्धि को लेकर अधिकारियों को एक-एक मुद्दे पर गहनता पूर्वक दिशा निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि जीविका के इस समीक्षा बैठक का मूल उद्देश्य जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय में बढ़ोतरी के लिए एक मॉडल विकसित करना था। इसमें विभिन्न क्षेत्र और स्टार्टअप के चार विशेषज्ञ भी शामिल हुए, उन्होंने भी बहुमूल्य सुझाव भी दिए हैं।
साभार – हिस