नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के दृष्टिकोण की शुक्रवार को सराहना की। साथ ही ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के तहत रूस के साथ भारत की विश्वसनीय भागीदारी की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने रूस में सुदूर पूर्व के विकास में भारत से जुड़ी प्राकृतिक पूरकताओं को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के आज व्लादिवोस्तोक में आयोजित पूर्ण सत्र को वीडियो संदेश से संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री 2019 में 5वें पूर्वी आर्थिक मंच के मुख्य अतिथि रह चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी’ के रूप में दोनों देशों के बीच अधिक से अधिक आर्थिक और वाणिज्यिक जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने महामारी के दौरान उभरे सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में स्वास्थ्य और फार्मा क्षेत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हीरा, कोकिंग कोल, स्टील, लकड़ी आदि सहित आर्थिक सहयोग के अन्य संभावित क्षेत्रों का भी उल्लेख किया।
भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ईईएफ-2019 की यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने रूस के सुदूर पूर्व के 11 क्षेत्रों के राज्यपालों को भारत आने का निमंत्रण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्लादिवोस्तोक में शुक्रवार को आयोजित छठे पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) के पूर्ण सत्र के दौरान एक वीडियो-संबोधन दिया। प्रधानमंत्री 2019 में 5वें ईईएफ के मुख्य अतिथि थे।
कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ईईएफ के ढांचे के भीतर बने भारत-रूस व्यापार वार्ता में भाग ले रहे हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और रूस के सखा-याकूतिया प्रांत के राज्यपाल के बीच ईईएफ से इतर 2 सितंबर को एक ऑनलाइन बैठक हुई। विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित भारतीय कंपनियों के 50 से अधिक प्रतिनिधि भी ऑनलाइन प्रारूप में भाग लेंगे।
साभार – हिस