नई दिल्ली, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन सहित अन्य चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए देश के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री तोमर ने गुरुवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के 16वें सतत विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा भारत खाद्यान्न उत्पादन में पूर्णरूप से आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों के अथक मेहनत के दम पर आज कृषि निर्यात के मामले में भारत दुनिया में टॉप टेन में शामिल हुआ है। तोमर ने कहा कि कोरोनाकाल में जब लगभग सभी उद्योग ठप हो गए थे तब भी देश के किसान काम कर रहे थे। किसानों ने कठिन समय में भी अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। तोमर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश के छोटे और मझोले किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखा है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में लगभग एक लाख सत्तावन हजार करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम प्रारंभ की है, जो फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य उद्योगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। छोटे व मझौले किसानों के लिए खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में सरकार के ठोस कदमों के तहत खेतों के पास बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। इस संबंध में एक लाख करोड़ रुपये का कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया है, जिसके जरिये प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा रहे हैं। तोमर ने कहा कि चार हजार करोड़ रूपये से अधिक के प्रोजेक्ट्स मंजूर हो चुके हैं। देश में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन केंद्र की नई योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिसका काम प्रारंभ हो चुका है, जिससे किसानों को काफी सहायता मिलेगी, बेहतर बाजार मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी। किसानों के फायदे के लिए कृषि क्षेत्र को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। देश में सत्तर से अधिक किसान रेल के साथ ही उड़ान योजना के माध्यम से भी किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सम्मेलन को डेनमार्क की पर्यावरण मंत्री ली वर्मेलिन व सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी व एडवायजरी काउंसिल (सतत विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र) के चेयरमैन संजीव पुरी ने भी संबोधित किया।
साभार – हिस