भुवनेश्वर. संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के चौथे सबसे बड़े शहर ह्युस्टन में प्रवासी ओड़िया लोगों के संगठन ओडिशा कलचर सेंटर (ओसीसी) द्वारा शहर के मध्य में 10 एकड़ की जमीन पर भव्य श्रीजगन्नाथ मंदिर, कल्याण मंडप व संस्कृति केन्द्र की स्थापना की गई.
दारुब्रह्म से निर्मित भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल होने वाली थी तथा इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ह्युस्टन शहर में उपस्थित हो चुके थे. लेकिन कोरोना के कारण य़ह कार्यक्रम नहीं हो सका था. अब इसके बाद हाल ही में इन प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा व अन्य रीति नीति संपन्न हुई है.
तय रीति नीति के अनुसार दारुब्रह्म को यज्ञशाला में ले जाया गया. डा देवानंद पति व डा आरती नंद पति ने यजमान की भूमिका निभाई. पंडित विभुदत्त मिश्र, नित्यानंद कर, हृषिकेश पंडा ने वास्तु पूजा की. इसके बाद पूजक नित्यानंद कर के प्रत्यक्ष तत्वावधान में 108 कलश यात्रा का आयोजन हुआ तथा इसमें प्रवासी महिलाएं शामिल हुई. इसके साथ-साथ इससे जुड़ी समस्त पूजा व यज्ञ का आयोजन हुआ. इसमें भारत के कनसल जनरल असीम महाजन व उनकी पत्नी नवरत्न महाजन उपस्थित थे. इसके बाद विग्रहों में प्राण प्रतिष्ठा हुई. नेपाल से आये ब्रह्मशीला गुप्त पूजा विधि के जरिये दारु ब्रह्म में प्राण प्रतिष्ठा की गई. इसके बाद सिंहासन पूजा विधि होने के साथ साथ धाडी पहंडी में चतुर्धा मूर्ति को लाया गया. उस दौरान हरिबोल, शंखध्वनी आदि से ह्युस्टन शहर प्रकंपित हो रहा था. इसके बाद चतुर्धामुर्ति पद्म पुष्प से सुसज्जित होकर श्रद्धालुओं को राजराजेश्वर भेष में दर्शन दिया. यजमान ने 56 भोग भगवान के प्रति अर्पित किया.
इस अवसर पर इस परिसर में डा सीताकांत दाश के नाम से नामित एक केन्द्र का उद्घाटन किया गया. सीताराम फाउंडेशन द्वारा नामित सीताराम मुख्य सभागार का भी उद्घाटन किया गया. पुरी मंदिर की तरह यहां के रोष शाला का नाम भी आनंद बाजार रखा गया है और इस रोष शाला का उद्घाटन डा नित्यानंद उपाध्याय व उनकी पत्नी प्रज्ञा उपाध्याय ने किया.