Home / International / चीन ने लॉन्चिंग समारोह में पाकिस्तान को सौंपा युद्धपोत

चीन ने लॉन्चिंग समारोह में पाकिस्तान को सौंपा युद्धपोत

  •  हैनान द्वीप के बंदरगाह पर पाकिस्तान के लिए 8 युद्धपोत बना रहा है चीन

  • जासूसी उपग्रहों से भी छिपने में सक्षम है चीन का यह भूमिगत पनडुब्बी बेस 

नई दिल्ली। भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ 21 अगस्त को हैनान द्वीप पर हुई दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद और मजबूत होता दिख रहा है। हैनान द्वीप वही जगह है जहां चीन का गुप्त भूमिगत पनडुब्बी बेस है। चीन यहीं पर पाकिस्तान के लिए चार युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है, जिसमें से एक आधुनिक युद्धपोत लॉन्चिंग समारोह में पकिस्तान को सौंप दिया है। चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा उकरणों को लेकर ये सहयोग ऐसे वक्त में सामने आया है जब दोनों के साथ ही भारत का तनाव जारी है। पाकिस्तान और चीन के बीच मजबूत होती सैन्य साझेदारी भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है।

चीन यात्रा पर गये पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मेहमाननवाजी चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हैनान द्वीप पर की थी। यहीं पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का गुप्त भूमिगत रणनीति परमाणु पनडुब्बी नौसेना बेस है। चीनी नौसेना का यह बंदरगाह 60 फीट (18 मीटर) ऊंचा है, जो एक सैन्य अड्डे के आसपास की पहाड़ियों में बनाया गया है। यह ​​जासूसी उपग्रहों से 20 परमाणु पनडुब्बियों तक को छिपाने में सक्षम हैं। इस बंदरगाह में परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां हैं। हैनान आइसलैंड पर हुई पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के दौरान दोनों देशों ने चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत एक नई मेगा डील पर हामी भरी। इसमें पाकिस्तान की रेल कनेक्टिविटी सुधारने के लिए 6.8 अरब डॉलर की परियोजनाओं पर काम करने को लेकर समझौता हुआ।

चीन अपने इसी ​​बंदरगाह पर पाकिस्तान के लिए 8 युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है। इनमें से 4 युद्धपोत चीन में ही फाइनल रूप से बनाये जायेंगे। चीनी कंपनी चारों युद्धपोतों को पाकिस्तान को साल 2021 तक सौंप सकती है। बाकी 4 युद्धपोतों को कराची में 2028 तक बनाये जाने का समझौता दोनों देशों के बीच हुआ है। इन्हीं चार युद्धपोतों में से एक आधुनिक युद्धपोत को लॉन्चिंग सेरेमनी में चीन ने पाकिस्तान को सौंप दिया है। पाकिस्तानी नौसेना ने खुद पुष्टि की है कि चीन की सरकारी शिपयार्ड हुडोंग जोंगुआ ने टाइप-054A/P युद्धपोत की लॉन्चिंग एक सेरेमनी में की है। पाकिस्तानी नौसेना ने अपने बयान में कहा कि इन युद्धपोतों से हमें भविष्य की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। बयान में इस युद्धपोत की लागत का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक हर एक युद्धपोत की कीमत 350 मिलियन डॉलर से ज्यादा है। इसके अलावा चीन और पाकिस्तान कई अन्य सैन्य उपकरणों का भी उत्पादन कर रहे हैं, जिसमें जेएफ-17 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भी शामिल है।

पाकिस्तान और चीन के बीच सिर्फ सैन्य साझेदारी ही नहीं बल्कि आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है।पाकिस्तान चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिविट (बीआरआई) की वैश्विक मुहिम का भी हिस्सा है। चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत चीन पिछले छह सालों में पाकिस्तान में करीब 30 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है। चीन पाकिस्तान में सड़कें, बंदरगाह और पावर प्लांट का निर्माण कर रहा है। चीन और पाकिस्तान के बीच रक्षा उपकरणों को लेकर ये सहयोग ऐसे वक्त में सामने आया है, जब दोनों के साथ ही भारत का तनाव जारी है। पाकिस्तान और चीन के बीच मजबूत होती सैन्य साझेदारी भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है।

साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

Bangladesh metro back on track after protest closure

Bangladesh’s metro railway in Dhaka resumed after over a month of closure due to student-led …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *