काठमांडू। पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने आज दावा किया है कि पद से इस्तीफा देने के बाद सेना ने तत्काल उनका मोबाइल जब्त कर लिया था और अंतरिम सरकार के शपथग्रहण के बाद ही उन्हें मोबाइल लौटाया गया।
काठमांडू में रविवार को विभिन्न मीडिया के संपादकों से बातचीत करते हुए ओली ने कहा कि 8 सितंबर की घटना के बाद से ही सेना की तरफ से उन पर पद छोड़ने का दबाव दिया जाने लगा था। ओली ने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के सरकारी आवास को चारों ओर से घेर लिया, तब उन्होंने प्रधान सेनापति से सुरक्षा दिए जाने की मांग की, लेकिन उन्होंने कहा कि जान की सुरक्षा तब की जाएगी, जब वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
ओली ने संपादकों से कहा कि सेना के सुरक्षा देने से इनकार करने पर मजबूरन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ओली ने उस दावे का खंडन किया, जिसमें उनके द्वारा सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में सिफारिश किए जाने की बात कही जा रही है। ओली ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे अपने इस्तीफे में स्पष्ट लिखा था कि वर्तमान राजनीतिक संकट का समाधान संविधान के दायरे में और संसद के भीतर ही खोजा जाए, लेकिन उनके इस सुझाव को दरकिनार किया गया।
साभार – हिस
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