काठमांडू। नेपाल की सत्तारूढ़ गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के संसदीय दल के प्रमुख सचेतक महेश बर्तौला ने नेपाल-भारत की खुली सीमा बंद करने और कंटीले तार लगाने वाला आपत्तिजनक बयान दिया है। अब इस बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है।
नेपाल-भारत महिला मैत्री संघ की अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदा चौधरी ने बर्तौला के इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए इसकी घोर भर्त्सना की है। पूर्व मंत्री चौधरी ने कहा कि नेपाल और भारत के बीच रहे जन-जन के संबंध को खत्म करने के लिए नेपाल के कम्युनिस्ट नेता का यह बयान आम नेपाली जनता की भावनाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि काठमांडू में रहकर चीन की शह पर राजनीति करने वाले और कार्ल मार्क्स, लेनिन और माओ को अपना आदर्श मानने वाले वामपंथी नेताओं के नेपाल और भारत के बीच रहे अभूतपूर्व संबंध पर प्रहार करना लाजिमी है।
नेपाल-भारत के बीच मैत्री को और मजबूत करने के लिए पिछले डेढ़ दशक से लगातार सक्रिय चन्दा चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी नेपाली कांग्रेस कभी भी इस बात को नहीं सोच सकती कि दोनों देशों के बीच दुश्मन की तरह दीवार खड़ी की जाए। चौधरी ने आरोप लगाया कि दोनों देशों के बीच के सीमाओं को तार से घेरने की बात करने वाले वहां की जमीनी हकीकत को नहीं समझते हैं।
चन्दा चौधरी ने अपने बयान में कहा कि नेपाल और भारत के बीच पूरी दुनिया से अलग सम्बन्ध हैं, उसका एकमात्र आधार हमारी खुली सीमा है। उन्होंने कहा कि खुली सीमा के कारण हमारा जन-जन का संबंध है और खुली सीमा के कारण ही युगों-युगों से चलते आ रहे धार्मिक, पौराणिक, आध्यात्मिक, पारिवारिक, सामाजिक आर्थिक संबंध टिके हैं।
नेपाल सरकार में दो बार मंत्री रह चुकी चौधरी का कहना है कि नेपाल और भारत के बीच के संबंध को राजनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए षडयंत्र के तहत वामपंथी नेता इस तरह का बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने मांग की है कि सत्तारूढ़ दल के प्रमुख सचेतक के इस तरह के आपत्तिजनक बयान का प्रधानमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए।
साभार – हिस