इस्लामाबाद। आम चुनाव के 24 दिनों बाद रविवार को पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में प्रधानमंत्री पद का चुनाव होगा। सुबह करीब साढ़े 11 बजे नेशनल एसेंबली का सत्र शुरू होगा। इसके लिए नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गठबंधन है और गठबंधन की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है।
इस चुनाव में पीएमएल-एन और पीपीपी के गठबंधन के तहत प्रधानमंत्री पद के लिए शहबाज शरीफ का चयन तय माना जा रहा है। इस गठबंधन को मुताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और इश्तेखाम-ए-पाकिस्तान पार्टी का भी समर्थन है। हालांकि. मौलाना फजल-उर-रहमान की पार्टी जेयूआई-एफ चुनावी गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री के चुनाव का बहिष्कार कर रही है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। 11 फरवरी को सभी सीटों के नतीजे घोषित हुए। इसमें किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। हालांकि इमरान के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा 93 सीटें जीतीं। पीएमएल-एन को 75 और पीपीपी को 54 सीटें मिली थीं। पाकिस्तान एसेंबली में कुल 266 सीटें हैं और बहुमत के लिए 134 सीटों की जरूरत होती है।
29 फरवरी को नेशनल असेंबली का पहला सत्र बुलाया गया जिसमें नवनिर्वाचित सांसदों ने पद की शपथ ली। 1 मार्च को नेशनल असेंबली में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव हुए। दोनों पदों पर पीएमएल-एन के समर्थन वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
9 मार्च को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव होंगे। इसके लिए पीएमएल-एन और पीपीपी गठबंधन ने आसिफ अली जरदारी को उम्मीदवार घोषित किया है।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद का चुनाव
पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद संसद में प्रधानमंत्री पद के लिए अलग से चुनाव होता है। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री चुने जाने के लिये उम्मीदवार के पास 336 में से 169 सांसदों का वोट जरूरी होता है। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, सांसदों को उसी उम्मीदवार को वोट देना होता है, जिसका समर्थन उनकी पार्टी कर रही है। सिर्फ मुस्लिम सांसद ही पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बन सकता है।
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