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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अमेरिका के खिलाफ रूस-चीन हुए एकजुट

  • गाजा में संघर्ष विराम पर नहीं बनी सहमति

  • अमेरिकी प्रस्ताव पर रूस-चीन का वीटो

वाशिंगटन। गाजा के मुद्दे पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की बैठक में संघर्षविराम को लेकर आम सहमति नहीं बनी है। इस मुद्दे पर अमेरिका और रूस की तरफ से दो अलग-अलग प्रस्ताव दिए गए लेकिन दोनों खारिज हो गए। रूस-चीन ने अमेरिकी प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया। रूसी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए पर्याप्त मत नहीं मिले, अगर ऐसा होता तो अमेरिका भी इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करता।

दरअसल, गाजा में इजराइल के पलटवार को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में दोनों पक्षों की अलग-अलग राय थी। सुरक्षा परिषद् में अमेरिका की तरफ से जो प्रस्ताव दिया गया उसमें मानवीय विराम की अपील की गई थी, युद्ध विराम की नहीं। प्रस्ताव में इजराइल और गाजा हिंसा के लिए हमास को दोषी ठहराने पर विचार करने को कहा गया था।

प्रस्ताव के पक्ष में अमेरिका, ब्रिटेन, स्विटजरलैंड, फ्रांस, इक्वाडोर, गैबॉन, घाना, जापान, माल्टा और अल्बानिया ने मतदान किया। ब्राजील एवं मोजाम्बिक ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। गाजा में युद्धविराम का आह्वान करने वाले रूस के प्रस्ताव के पक्ष में चार मत पड़े जिनमें रूस और चीन शामिल हैं। अमेरिका एवं ब्रिटेन ने रूस के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। जबकि नौ सदस्य अनुपस्थित रहे।

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज्या ने अमेरिका पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के फैसलों को रोकने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने युद्धविराम का आह्वान नहीं करने पर अमेरिकी प्रस्ताव की निंदा की।

जबकि संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत गिलाड एर्दान ने अमेरिकी की तरफ से लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव क्रूर आतंकियों की निंदा करता है और सदस्य देशों को आतंक के खिलाफ खुद के बचाव का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश में इस तरह का नरसंहार होता तो वे इजराइल के मुकाबले अधिक ताकत से इसका सामना करेगा।

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