लगता है कोरोना चाइनीज है,
ना ना कोरोना इटालियन है।
भाई कोरोना तो अमेरिकन है,
नहीं रे कोरोना तो इंग्लिश है।।
कोई पाकिस्तानी बताता है,
कोई रशियन भी बताता है।
कोई पाकीचाई मिक्स बताता है,
कोई रसायन रीमिक्स बताता है।।
मैंने समझा ये तो शुद्ध हिंदू है,
मुँह पर पट्टी बँधी तो जैनी है।
मीडिया ने बताया मुस्लिम है,
कोरोना धर्म समाधान हो गया।।
सोचा था हम सब एक हैं,
सभी की नीयत नेक है।
धर्म की दीवार गिर गई है,
भाई चारे से घिर गई है।।
जब तक टीवी को नफरत,
फैलाने का पैसा मिलता रहेगा।
विद्वेष का यह जहर भरा
फूल ऐसे ही खिलता रहेगा।।
✍ किशन खंडेलवाल, भुवनेश्वर