कोलंबो – श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव में तमिल विद्रोहियों को कुचलने वाले विवादित रक्षा सचिव रहे गोटबाया राजपक्षे ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया है। विदित हो कि गोटबाया की जीत के साथ श्रीलंका में राजपक्षे परिवार को फिर से देश की सत्ता में आ गई है।महिंदा राजपक्षे के बाद ऐसा लग रहा था कि इस परिवार का राजनीतिक भविष्य समाप्त हो गया है। गोटबाया पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के भाई और पूर्व सैन्य अधिकारी हैं। आधिकारिक परिणामों के अनुसार राजपक्षे को 52.25 प्रतिशत (6,924,255) मत मिले, जबकि प्रेमदास को 41.99 प्रतिशत (5,564,239) वोट हासिल हुए। चुनाव आयोग ने बताया कि अन्य उम्मीदवारों को 5.76 प्रतिशत वोट मिले। राजपक्षे (70) ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण ढंग से जीत का जश्न मनाने की अपील की है। प्रेमदास (52) ने निर्वाचन सचिवालय की ओर से परिणाम की आधिकारिक घोषणा से भी पहले चुनाव में हार स्वीकार करते हुए यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उपनेता के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले सरकार के तीन अन्य मंत्री भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल, राजपक्षे की छवि एक सख्त रक्षा सचिव के रूप में बनी थी। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान देश के नागरिकों को सुरक्षा का वचन दिया था जिससे सिहाली बौद्ध नागरिकों ने उनका जमकर साथ दिया। उधर प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे पर यह आरोप लगा था कि वह ईस्टर हमले रोकने में विफल रहे। हालांकि गोटबाया की जीत से जहां सिहाला बौद्धों में खुशी की लहर है, वहीं तमिल हिन्दू और मुस्लिम अल्पसंयक सहमे हुए है। इन लोगों ने प्रेमदासा का समर्थन किया था।
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