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मिड और स्मॉल कैप में बिकवाली का दबाव जारी

नई दिल्ली, भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से लगातार सफलता की गारंटी बने मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में इन दिनों गिरावट का दौर बना हुआ है। आज एक बार फिर मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स के शेयरों में जोरदार बिकवाली हुई। इसकी वजह से ये दोनों इंडेक्स अपनी मजबूती बरकरार नहीं रख सके।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब शेयर बाजार में लार्ज कैप शेयर लगातार पिट रहे थे और बाजार पर दबाव बना हुआ था, तब शेयर बाजार को मजबूती देने में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि अब इसकी स्थिति बदल गई है। ये दोनों इंडेक्स लगातार कमजोरी का प्रदर्शन कर रहे हैं। आज भी बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स बिकवाली के दबाव में फंसे रहे। निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉल कैप इंडेक्स भी 2 फीसदी तक लुढ़क गये हैं।

शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान निवेशकों ने मिडकैप और स्मॉलकैप को हाथों हाथ लिया था। कम कीमत होने की वजह से लोगों के लिए इन शेयरों में निवेश करने पर पैसे का जोखिम भी ज्यादा नहीं था। इसी वजह से बुरे हालत में लोगों ने मिडकैप और स्मॉलकैप को ज्यादा तरजीह दी। इसकी वजह से इन दोनों इंडेक्स के शेयर लगातार चढ़ते गए।

बाजार के एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार हुई खरीदारी के कारण भारतीय शेयर बाजार में मिडकैप और स्मॉलकैप के ज्यादातर शेयर ओवर वैल्यू हो गए हैं। मतलब इन शेयरों की जितनी कीमत होनी चाहिए, फिलहाल बाजार में इनकी कीमत उससे अधिक हो गई है। यही वजह है कि अब जबकि जानलेवा कोरोना के कहर में कुछ कमी आ रही है, तो मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। ऐसे निवेशक जल्दी से जल्दी अपने पास मौजूद मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयर को बेचकर मुनाफा अर्जित कर लेना चाह रहे हैं।

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धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक मिडकैप और स्मॉलकैप के ज्यादातर शेयरों में अभी गिरावट का रुख बना हुआ है। ऐसे शेयरों में प्रेस्टीज, मणप्पुरम फाइनेंस, व्हर्लपूल, क्वेस कॉर्प और ट्रेंट का नाम लिया जा सकता है। धामी का कहना है कि इन दोनों इंडेक्स के शेयर का आने वाले दिनों का परफॉर्मेंस निफ्टी के आगे की चाल पर काफी हद तक असर डाल सकता है।

निफ्टी के लिए फिलहाल 16,400 के लेवल पर हाई रेजिस्टेंस बना हुआ है। वहीं 16,100 का लेवल निफ्टी का सपोर्ट लेवल है। अगर बाजार में हुई बिकवाली के कारण निफ्टी 16,100 से नीचे गिरता है, तो उस में आगे और जोरदार गिरावट भी आ सकती है। धामी के मुताबिक यदि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स के शेयरों में गिरावट का दौर जारी रहा, तो निफ्टी 16,100 अंक के सपोर्ट बैरियर से भी आसानी से नीचे जा सकता है। अगर स्मॉलकैप और मिडकैप के शेयरों में मजबूती आती है, तो निफ्टी के लिए 16,400 के रेजिस्टेंस बैरियर को पार करना भी कठिन नहीं होगा।

जानकारों का कहना है कि फिलहाल सच्चाई यही है कि स्मॉल और मिडकैप के मुनाफा देने वाले ज्यादातर शेयर अभी ओवरवैल्यू हो चुके हैं। इसलिए इनमें अभी और तेजी आने की संभावना कम ही है। इस स्थिति में शेयर बाजार के छोटे निवेशकों को भी फिलहाल कुछ दिनों तक मिडकैप और स्मॉल कैप के शेयरों में निवेश करने से बचना चाहिए, ताकि अभी चल रहे करेक्शन के दौर के बाद इन शेयरों को इनकी वास्तविक कीमत के आसपास खरीदा जा सके।
साभार – हिस

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