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ओडिशा में स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा आपदा और महामारी

  • ओडिशा मंत्रिपरिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया

  • नवीन पटनायक के पांचवें कार्यकाल के दो साल पूरे

भुवनेश्वर. ओडिशा मंत्रिपरिषद ने आपदा और महामारी की तैयारियों को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा बनाने के लिए एक प्रस्ताव शनिवार को पारित किया है.

यह घोषणा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने की, जिन्होंने अपने पांचवें कार्यकाल में दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता की.

सीएम ने कहा कि प्रत्येक छात्र, निर्वाचित प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, मिशन शक्ति सदस्य आदि को आपदा और महामारी की तैयारियों में प्रशिक्षित किया जाएगा.

उन्होंने इस फैसले को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए आशा व्यक्त की कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति की अनिश्चितताओं, चाहे वह जैविक हो या जलवायु, का सामना करने में सक्षम और सशक्त बनाएगा.

उन्होंने कहा कि हमें आपदाओं से निपटने के लिए सीखना जारी रखना होगा और हमारे सिस्टम में सुधार करना होगा और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को अनुकूलित करना होगा. यह हमारे समाज के लिए अस्तित्व की बात है और हम इस संबंध में अपने राज्य को मजबूत और सक्षम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि ओडिशा लोगों की जान बचाने के लिए खड़ा होगा. यह हमारे इस अहसास से आता है कि सामुदायिक तैयारी आपदा प्रबंधन की कुंजी है.

पांचवें कार्यकाल के दो साल पूरे करने के बारे में बोलते हुए सीएम ने कहा कि हमने बीजू बाबू के सपनों को साकार करने और ओडिशा के लोगों के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए दो चुनौतीपूर्ण वर्ष पूरे किए हैं.

सीएम ने कहा कि इस सरकार के 5वें कार्यकाल की शुरुआत से पहले ही हमें मई 2019 में चक्रवात फनी की चुनौती का सामना करना पड़ा था. तब से पिछले दो वर्षों में हम लगातार चक्रवात और कोविद-19 के विनाशकारी प्रभाव से निपट रहे हैं. यह अभूतपूर्व संकट का दौर है और हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति में लौटना अभी भी एक चुनौती है और कोई भी यह अनुमान लगाने में सक्षम नहीं है कि महामारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने से पहले मानवता को संक्रमण के कितने और रूपों या लहरों का सामना करना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि महामारी ने एक अनोखी स्थिति पैदा कर दी है, जहां लोगों का जीवन और आजीविका दांव पर लगी है. सभी चुनौतियों के बावजूद हमें पूरा विश्वास है कि हम राज्य के लोगों के सहयोग से इस संकट में विजयी होकर उभरेंगे और ओडिशा के परिवर्तन के लिए अच्छे काम को आगे बढ़ाते रहेंगे.

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