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ओडिशा विधानसभा में बेरोजगारी को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा

  •  बेरोजगारी को लेकर प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा

  •  बेरोजगारी दूर करने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है- मंत्री

भुवनेश्वर. ओडिशा में बेरोजगार युवाओं की संख्या लगातार बढ़ने तथा सरकार की स्कील डेवलपमेंट पर खर्च होने वाली राशि का किसी प्रकार का लाभ नाम मिलने के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर जोरदार चर्चा हुई. इस दौरान विपक्षी विधायकों ने जहां राज्य सरकार को घेरा, वहीं राज्य सरकार के मंत्री प्रेमानंद नायक ने कहा कि बेरोजगारी दूर करने के लिए राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है.
कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक मोहन माझी, मुकेश महालिंग, कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सालूजा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है. बेरोजगारी की समस्या दूर होने के बजाय यह समस्या निरंतर बढ़ती जा रही है. सरकारी व निजी संस्थाओं में रोजगार के अवसर नहीं हैं. प्रखंड से लेकर प्रदेश स्तर तक 1 लाख 30 हजार से अधिक पदों रिक्त हैं. इन पदों को भरा नहीं जा रहा है. वहीं दूसरी ओर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को कम वेतन में दोबारा नियुक्तियां दी जा रही हैं. इस कारण युवा बाहर के राज्यों में काम करने के लिए जाने पर मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आंकड़े बता रहे हैं कि गत 10 सालों में 22000 युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है. इस तरह स्कील डेवलपमेंट कार्यक्रम भी पूरी तरह विफल रहा है.
सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक प्रीति रंजन घड़ेई, अश्विनी पात्र, लतिका प्रधान, देवेश आचार्य ने इस चर्चा में भाग लेते हुए राज्य सरकार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है. विपक्ष निराधार आरोप लगा रहा है. आज के युवाओं की दक्षता का विकास करने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं. विभिन्न स्थानों में रोजगार मेलाओं का आयोजन किया जा रहा है.
चर्चा का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित मेक-इन ओडिशा को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही हैं. विभिन्न जिलों में 80 स्कील डेवलपमेंट केंद्र स्थापित किए गए हैं. वहां पर विभिन्न विषयों पर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. केंद्र सरकार की सहायता से संबलपुर, कटक, राउरकेला, ढेंकानाल, ब्रह्मपुर, केंदुझर व कोरापुट में मॉडल करियर सेंटरों की स्थापना की गई है. राज्य में अब तक 246 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया है. इसमें एक लाख 35 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न संस्थाओं में रोजगार दिया गया है. उन्होंने कहा कि आगामी 5 सालों में एक लाख 51 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है.

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