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जेल से रिहाई के बाद भी पाप ने पीछा नहीं छोड़ा, ग्रामीणों ने गांव से खदेड़ा

  • शिशु हत्याकांड में लिप्त रही थी महिला


राजेश बिभार, संबलपुर

कहावत है कि अतीत कभी किसी का पीछा नहीं छोड़ती। शिशु हत्या जैसी संगीन अपराध को अंजाम देनेवाली एक महिला को कभी यह एहसास नहीं हुआ होगा कि जेल से रिहा होने के बाद भी उसे एक और सजा काटनी पड़ेगी। 11 साल के कठोर सजा के बाद जब वह महिला रिहा हुई तो उसने काफी सुखद अनुभव किया। अपने गांव जाने एवं नाते-रिश्तेदारों से मिलने को लेकर वह काफी आतुर नजर आ रही थी। किन्तु गांव पहुंचते ही उसका यह अरमान धरा का धरा रह गया। उसे देखते ही गांव में तनाव व्याप्त हो गया। गांववालों ने उसे पापीन करार देते हुए गांव से निकल जाने का फरमान सुना दिया। यह घटना संबलपुर जिले के कुचिंडा थाना अंतर्गत भोजपुर में हुई। मिली जानकारी के अनुसार, कुचिंडा थाना के भोजपुर गांव में अप्रैल-2010 एक शिशु की लाश बरामद की गई थी। कुचिंडा पुलिस ने गंभीरता से मामले की जांच आरंभ किया और मृत शिशु की पहचान करने के बाद इस हत्याकांड में संलिप्त उस महिला को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। वर्षों तक अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। अंतत: गवाहों एवं सबूतों के बिना पर माननीय अदालत ने आरोपी महिला को 14 साल सजा से दंडित कर दिया। इसके बाद से ही वह महिला संबलपुर के नारी बंदी निकेतन में कैदी की तरह जीवन यापन कर रही थी। जेल जाते ही महिला को अपनी गलती का एहसास हो गया और उसने अपने स्वभाव में बदलाव लाने का प्रयास किया। उसका यह प्रयास रंग लाया और कम समय में ही वह जेल में सबकी चहेती बन गई। करीब 11 साल तक जेल में रहने के बाद उसके अच्छे आचरण को देखते हुए चार साल पहले ही उसे जेल से रिहा करने का फैसला जेल विभाग की ओर से लिया गया। परसों उसे नारी बंदी निकेतन से आजाद कर दिया। इसके बाद महिला सीधे अपने गांव भोजपुर पहुंची और अपने दोनों बेटियों से मिलकर भावविभोर हो गई। किन्तु जैसे ही गांव के लोगों को उसके आने की खबर मिली, उन्होंने विरोध आरंभ कर दिया। महिला को घंटों तक गांव के बाहर ही खड़ा रहना पड़ा। बताया जाता है कि मामले की खबर पाकर संबलपुर नारी बंदी निकेतन की जेलर रूनीबाला देई भोजपुर पहुंची और गांववालों को समझाने का प्रयास आरंभ किया। इसके बावजूद गांव के लोग उस महिला को गांव से बाहर खदेड़े जाने के अपने जिद पर अड़े रहे। अंतत: पुलिस को मामले पर हस्तक्षेप करना पड़ा। कुचिंडा पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। गांव के सचेतन लोगों की बैठक बुलायी गई है। बहुत जल्द इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। खबर लिखे जानेतक उस महिला को लेकर गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।

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