राजगांगपुर. शहर के सुप्रसिद्ध गौरीशंकर पुजारी के आकस्मिक निधन होने से शहर के शोक की लहर दौड़ गयी है. अंतिम संस्कार से पूर्व लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये. कल रात को उन्होंने अंतिम सांस ली. वार्ड नंबर तीन मुख्य मार्ग में स्थित प्राचीन सत्यनारायण मंदिर के पुजारी थे. आज दोपहर बारह बजे स्थानीय कुम्हारपडा स्थित स्वर्गधाम में उनका अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया गया. उनकी अंतिम यात्रा बडी संख्या में लोग शामिल हुए. उनके पुत्र घनश्याम दधिचि ने मुखाग्नि दी. गौरीशंकर पुजारी (86) की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी. घर पर ही डॉक्टरों की सलाह से उनका इलाज चल रहा था. बीती रात अचानक तबीयत बिगड़ जाने से उनका निधन हो गया. शहर के सुप्रसिद्ध पंडितों में से एक गौरी महाराज कर्म कांड के ज्ञाता थे. उनके निधन के समाचार से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई है. गौरी शंकर पुजारी समाज के हर धार्मिक कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे. हर समाज के लोगों से उनका जुड़ाव था. शंकर पुजारी अपने पीछे अपने बड़े बेटे घनश्याम दधिचि सहित अपना भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.
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