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लिंगराज मंदिर भी भुवनेश्वरवासियों के लिए खुला

  • मंदिर में प्रवेश के लिए पांच दिनों के अंदर की कोरोना नेगिटिव रिपोर्ट करनी होगी पेश

भुवनेश्वर. राजधानी स्थित लिंगराज मंदिर भी आज शहर के निवासियों के लिए फिर से खुल गया. मंदिर में जाने वालों को पिछले 5 दिनों के दौरान प्राप्त हुए कोविद-19 नकारात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करना होगा. यह जानकारी भुवनेश्वर नगर निगम  ने देते हुए कहा है कि तीन से पांच जनवरी तक मंदिर को विशेष रूप से भुवनेश्वर के नागरिकों के लिए खोला गया है. इस दौरान कोविद सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. इससे पहले 27 दिसंबर से 31 दिसंबर तक केवल सेवायत और उनके परिवार के सदस्यों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी. अब तीन से पांच जनवरी तक राजधानी क्षेत्र के निवासी ही दर्शन कर पायेंगे और इसके बाद छह जनवरी से सभी जगहों के पर्यटकों और भक्तों को मंदिर के अंदर कोविद-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्त पालन के प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी. एक समय में अधिकतम 500 भक्तों को 31 जनवरी तक सिंहद्वार से आदा कथा तक की अनुमति होगी. सहन और गर्भगृह दर्शन पर 31 जनवरी तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. कोरोना की स्थिति के आंकलन के बाद भक्तों की संख्या बढ़ाने पर विचार 31 जनवरी के बाद किया जायेगा. मंदिर के पास थर्मल स्क्रीनिंग सेंटर और एंटीजन टेस्ट सेंटर को 03 से 15 जनवरी तक सुबह 7.00 बजे से रात 10.00 बजे तक दो बैचों में कार्यात्मक होगा. सेवायत, सुरक्षाकर्मियों, फूल विक्रेताओं आदि के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति के लिए एंटिजेन टेस्ट अनिवार्य होगा. इस दौरान सभी को मास्क पहनना होगा. एक-दूसरे के बीच छह फीट की दूरी बनाये रखनी होगी. भक्तों के लिए हाथ धोने व हैंड सेनिटाइज़र की सुविधा मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रवेश और निकास बिंदुओं पर प्रदान किया जा रहा है. कोरोना लक्षण वाले लोगों को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं है. अन्य कमजोर समूह जैसे सह-रुग्णता वाले व्यक्ति, बुजुर्ग व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं या 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को मंदिर न जाने की सलाह दी गयी है.

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