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ओडिशा में आजीविका के लिए ऋण नहीं देने पर बैंकों की खैर नहीं

  • ओडिशा सरकार 22 को समीक्षा के बाद उठायेगी कड़ा कदम

भुवनेश्वर. राज्य में आजीविका के लिए ऋण नहीं देने पर बैंकों की खैर नहीं होगी.  मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने साफ कहा है कि कोविद-19 महामारी के प्रभाव को रोकने के लिए शुरू किए गए विभिन्न आजीविका कार्यक्रमों के लिए ऋण देने में बैंकों द्वारा उपेक्षित पाये जाने पर राज्य सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. पटनायक ने गुरुवार को राज्य में कोरोनो वायरस स्थिति और महामारी की स्थिति से निपटने के सरकार के प्रयासों की समीक्षा करते हुए ये बातें कहीं. राज्य में आजीविका को पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इससे पहले किसानों, मिशन शक्ति, एमएसएमई के सदस्यों और बीमारी के प्रकोप के कारण प्रभावित लोगों के लिए कई आजीविका कार्यक्रम शुरू किए हैं. महामारी की स्थिति से उबारने के लिए कमजोर समूहों को पर्याप्त ऋण देने के लिए बैंकों को कहा गया था. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री 22 दिसंबर को जिला मजिस्ट्रेट और बैंक अधिकारियों के साथ विभिन्न आजीविका कार्यक्रमों के लिए ऋण संवितरण की समीक्षा करेंगे. इसमें कहा गया है कि राज्य आजीविका कार्यक्रमों के लिए ऋण के वितरण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा. पटनायक सरकार ने कहा कि अगर सरकार ऋण वितरण में लापरवाही पाती है, तो वह बैंकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करेगी. समीक्षा के बाद राज्य सरकार 22 दिसंबर को वित्त मंत्रालय को लिखित रूप से ऐसे बैंकों के बारे में लिखेगी. मुख्यमंत्रियों के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पटनायक ने प्रशासन से अर्थव्यवस्था के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के प्रति सचेत रहने के लिए कहा है.

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