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बाढ़ अपडेट – ओडिशा में बाढ़ से चार लाख लोग प्रभावित

  • 10 जिलों के 54 ब्लॉकों के 1,276 गांव बाढ़ से प्रभावित

  • महानदी, ब्राह्मणी और बैतरणी नदियों उफान जारी

भुवनेश्वर. बारिश के कारण महानदी, ब्राह्मणी और बैतरणी नदियाँ अभी भी उफनाई हैं. बाढ़ के कारण ओडिशा के निचले इलाकों में चार लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने की खबर है. महानदी नदी में उफान जारी है. इसके जल स्तर में और वृद्धि होने की सूचना है. नदी के तटवर्ती जिलों को में बाढ़ की चेतावनी दी गयी है. अनुगूल, बलांगीर, बालेश्वर, बौध, कटक, जाजपुर, ढेंकानाल, नुआपड़ा, देवगढ़ और सोनपुर सहित 10 जिलों के 54 ब्लॉकों के 1,276 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रारंभिक आकलन के अनुसार, 552 गाँवों में लगभग 3, 83,046 लोग अब विस्थापित हो गए हैं और 2,757 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. 18,534 लोगों को 106 आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है. यह जानकारी राज्य सरकार की विज्ञप्ति में दी गयी है. 10 जिलों के अलावा पांच शहरी क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. कटक के नराज में महानदी में खतरे का निशान 26.41 मीटर है. यहां पानी 26.51 मीटर पर बह रहा था.

सूत्रों ने बताया कि बांकी प्रखंड के 15 पंचायतों से जुड़े लोगों को हटा दिया गया है. इसके अलावा बांकी-कलापत्थर के बीच का संपर्क कट गया, क्योंकि चंद्रपा पुल पर छह फीट पानी बह रहा है. जाजपुर जिले में ब्राह्मणी और बैतरणी नदियों में बाढ़ के कारण चिंता की स्थिति बनी हुई है. जिला प्रशासन ने कहा कि कई पंचायतों में जलभराव हो गया. 30 से अधिक स्थानों पर भूमि धंस गई. नदी से सटे कई निचले इलाकों में पहले से ही बाढ़ आ गई है. खारस्रोत नदी के साथ ब्राह्मणी नदी में उफान के कारण केंद्रापड़ा में राजकनिका और अली ब्लॉक की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. लोगों की रातों की नींद उड़ गयी है. राजकनिका ब्लॉक की दो पंचायतों के छह गांव और अली ब्लॉक के ढोय्या क्षेत्र की 10 पंचायतें जलमग्न हो गई हैं. इन क्षेत्रों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है

. बैतरणी की सहायक नदी, सालंदी नदी भी उफान पर है. भद्रक जिले के 50 से अधिक गाँवों में बाढ़ का कहर है. महानदी का बाढ़ का पानी कटक जिले के बड़म्बा में भट्टारिका मंदिर में घुस गया है. ढेंकानाल जिले के कामाख्यागर में कपिलेश्वर मंदिर में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. मूर्तियों को सुरक्षित स्थानों पर हटा दिया गया है. इस बीच सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर घटा है. यह खतरे के निशान के ठीक नीचे १०.३६ मीटर से नीचे १०.३२ मीटर पर बह रही थी.

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