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पुरी मंदिर सुरक्षा कारिडर अधिग्रहण घोटाले में उच्चस्तरीय जांच की मांग

  • कांग्रेस ने जिलाधिकारी को हटाया को कहा

भुवनेश्वर. केवल बागला धर्मशाला की जमीन की बिक्री में ही भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, बल्कि पुरी के श्रीमंदिर सुरक्षा कारिडर के नाम पर सरकार द्वारा की गयी जमीन अधिग्रहण में भी भ्रष्टाचार व कानून की खुला उल्लंघन किया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्य प्रकाश नायक ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर सुरक्षा कारिडर के नाम पर भूमि अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास कानून 2013 के अनुसार नहीं किया गया है. बागला धर्मशाला की जमीन को राजस्व विभाग को ट्रान्सफर किया जाना पूर्ण रूप से गैरकानूनी है. उन्होंने कहा कि अधिग्रहण ओडिशा लैंड सर्वे, सेटलमेंट एक्ट, ओडिशा लैंड रिफार्म्स एक्ट व ओडिशा लैंड एक्विजिशन एंड प्रोसिड्य़ोर एक्ट की शर्तों का उल्लंघन किया गया है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारिडर के लिए जमीन लेते वक्त लोगों को अंधकार में रखा गया तथा कानून के हिसाब से जमीन नहीं लिया गया है. कानून के हिसाब से जमीन न लेने के कारण जिन लोगों की जमीन इसमें गयी है, उन्हें भविष्य में भू-अधिग्रहण कानून के तहत भूमि खोने वालों की मान्यता नहीं मिल सकेगी. इससे वे भविष्य में इस कानून के तहत मिलने वाली सुविधाओं से बंचित होंगे. उन्होंने कहा कि पुरी के जिलाधिकारी जिले के सर्वोच्च राजस्व अधिकारी के रुप में कानून को पूरी तरह धज्जियां उड़ाते हुए अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर लाजिंग हाउस फंड के अध्यक्ष के रुप में लाजिंग हाउस फंड के स्थितिवान जमीन को गैरकानूनी रुप से सरकारी खाते में लेना बड़ा अपराध है. इस कारण जिलाधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.

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