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ओडिशा में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति

  • राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुदाम मरांडी ने विशेष राहत आयुक्त के साथ किया हवाई सर्वे

  • मालकानगिरि में हुए नुकसान की रिपोर्ट सात दिनों में तलब

  • 48 घंटे में दिया जायेगा किसानों को मुआवजा

  • भद्रक, ढेंकानाल में भी खेती हुई बर्बाद

भुवनेश्वर : मौसम के बदले मिजाज के कारण ओडिशा में हो रही बारिश से जनजीवन बेहाल हो गया है. कई जिलों में जनजीवन ठप हो गयी है. बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. निचले इलाकों में पानी भर गया है तथा खेती बर्बाद हो गयी है. सबसे अधिक प्रभाव मालकानगिरि जिले में पड़ी है. ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुदाम मरांडी ने विशेष राहत आयुक्त के साथ मंगलवार को मालकानगिरि के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और बताया कि सात दिनों के भीतर जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. इसके बाद प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलेगा. इसे 48 घंटे में भुगतान किया जायेगा.

हवाई सर्वेक्षण के बाद जिले में वर्तमान बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए कलेक्टर और जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई. राजस्व विभाग को सौंपी गई एक अंतरिम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि जिले के 933 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 321 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, 1,971 हेक्टेयर खेती प्रभावित हुई है. मारंडी ने मीडिया को बताया कि विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने के 48 घंटों के भीतर सभी प्रभावित किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, कुछ सड़कों के साथ-साथ खेती के क्षेत्र में व्यापक क्षति हुई है. यहां तक कि बहुत सी लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं हैं, जिनकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है.

आसन्न निम्न दबाव के क्षेत्र को लेकर अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है, क्योंकि जिले में अधिक वर्षा होने की संभावना है. विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने कहा कि मैंने सभी संबंधित कलेक्टरों को सतर्क रहने और प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है. नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, बारिश कम हो गई है, लेकिन जिले के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है.

हालांकि बारिश में कमी के बाद जिले के कुछ हिस्सों में संचार लाइनों और सड़क संपर्क को बहाल कर दिया. कंकरकोंडा नदी पर बना जलमग्न पुल आज पूरी तरह से चालू हो गया. पंगम, पोटेरू और एमवी-37 में पुलों से बाढ़ का पानी निकलने के बाद मालकानगिरि और बलीमेला के बीच सड़क संचार बहाल कर दिया गया है.

पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से मालकानगिरि ही नहीं, बल्कि ढेंकानाल और भद्रक जैसे अन्य जिले भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. ढेंकानाल जिले के भुवन और गोंदिया ब्लॉक में 14 से कम पंचायतों के खेत बारिश के पानी में डूब गए हैं. ढेंकानाल के एक किसान ने कहा कि मैंने खेती के लिए कर्ज लिया है, लेकिन दुर्भाग्य से बारिश ने इस साल एक बार नहीं बल्कि दो बार सब कुछ तबाह कर दिया है. इसी प्रकार भद्रक जिले की 15 पंचायतों के अंतर्गत हजारों हेक्टेयर खेती बारिश से प्रभावित हुई है. धामनगर ब्लॉक के अंतर्गत रामेश्वरपुर के पास गेंगुटी नदी पर लगभग 200 फीट लंबा पत्थर का तटबंध टूट गया और स्थानीय लोग दहशत में आ गए.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पथराव कमजोर था और मामले की जांच की मांग की. इस बीच, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की संभावना जतायी है. मौसम विशेषज्ञ उमाशंकर दास के अनुसार, कल से पूरे राज्य में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. राज्य के उत्तरी भागों में बहुत भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. इस बीच, हीराकुंड बांध प्राधिकरणों ने 20 स्लुइस गेट खोले हैं, जिनके माध्यम से जलाशय से 3,22,950 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.

 

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