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भगवान बलभद्र के समक्ष बीच में टूटी पणा की हांडी.

BIG NEWS – अधर पणा नीति से पहले भगवान बलभद्र की हांडी टूटी

  • सुभद्रा के रथ पर पणा की मची लूट

  • पुरीधाम में अजब-गजब की लीला

  • महाप्रभु श्रीजगन्नाथ, देवी सुभद्रा को चढ़ा तीन-तीन हांडी पणा

  • बलभद्र को चढ़ाया गया सिर्फ दो हांडी पणा

  • लोगों ने की कार्रवाई की मांग

  • आज होगी नीलाद्री बिज की नीति

भगवान बलभद्र के समक्ष बीच में टूटी पणा की हांडी.

प्रमोद कुमार प्रुष्टि, पुरी

पुरीधाम में अजब-गजब की लीलाओं का दौर चल रहा है. नीलचक्र पर बार-बार बाजों का बैठना, रथयात्रा के आयोजन पर विवाद, तालध्वज रथ से भगवान बलभद्र के प्रमुख सेवायत के गिरने के बाद कल अधर पणा की नीति में भी विध्न पड़ी. इस नीति के संपन्न होने से पूर्व भगवान बलभद्र की एक हांडी टूट गयी और नीति संपन्न होने के बाद देवी सुभद्रा के रथ पर पणा की लूट मच गयी. इस दौरान बलभद्र को सिर्फ दो ही हांडी पणा भोग लगा, जबकि महाप्रभु श्रीजगन्नाथ और देवी सुभद्रा को तीन-तीन हांडी पणा भोग लगा.

नीति संपन्न होने के बाद सुभद्रा के रथ पर पणा एकत्रित करते सेवायत.

परंपरा के अनुसार, देवों के सोना वेश संपन्न होने के दूसरे दिन नीलाद्री बिजे के पहले दिन अधर पणा नीति संपन्न होती है. इसके लिए राघव दास मठ, बड़ा ओड़िया मठ की तरफ से नौ हांडी मुहैया करायी जाती है. इनमें दूध जायफल, गोल मीर्च,  कर्पूर, मिश्री आदि पानी व शक्कर में मिलाकर महासुआर सेवायत पणा तैयार करते हैं. इसके बाद तीनों भगवान के सामने 3-3 हंडी रखकर उसमें पणा भरा जाता है. इसके बाद पूजा पंडा सेवायत पूजा करते हैं, लेकिन कल इस पूजा के शुरू होने से पहले ही बलभद्र जी की एक हांडी टूट गयी और पणा बहने लगा. परंपरा के अनुसार, पणा भरी हांडी को रथ के ऊपर ही तोड़ना होता है, लेकिन पूजा के बाद और यहां पूजा से पहले ही एक हांडी टूट गयी.

महाप्रभु श्री जगन्नाथ के समक्ष पणा भरी तीन हांडी.

इधर, देवी सुभद्रा के रथ पर हांडी के टूटते ही पणा की लूट मचने लगी. हांडी टूटना और लूट मचाने की यह दोनों घटनाएं अशुभ के रूप में लोग मान रहे हैं. मान्यता है कि अशरीर पार्श्व देव-देवी चंडी-चामुंडा सभी को यहां की इस पणा का इंतजार होता है. इनको पणा मिलने के बाद भगवान नीलाद्री बिजे नीति को संपन्न करते हुए रत्न शासन में विराजने के लिए जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है कि रथों के साथ इन देव-देवी चंडी-चामुंडा भी गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं और वापस भी आते हैं. इनको शांत करने से पूरा ब्रह्मांड शांत होता है. रथों पर हांडी को तोड़ने से पणा इनको मिलता है, लेकिन इससे पहले ही सुभद्रा के रथ पर पणा की लूट मच गयी.

प्रशासन की तरफ से सीसीटीवी कैमरे व टीवी कैमरे में यह सब बातें कैद हो चुकी हैं. लोगों ने मांग की है कि नीति पूरी होने से पहले इस तरह परंपराओं को तोड़ने वाले सेवायतों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

लोगों का मानना है कि परंपराओं को बचाने के लिए रथयात्रा निकालने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अदालत ने परंपरा को सुनिश्चित रखने के लिए कुछ मापदंड तय करके रथयात्रा निकालने की अनुमति प्रदान कर परंपरा को बरकरार रखा. ऐसी स्थिति में पणा की लूटने की घटना को स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है. यह परंपरा को तोड़ने का प्रयास है. इसलिए इन सेवायतों को खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

 

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