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कोरोना को लेकर ओडिशा में सामाजिक संक्रमण का मंडरा रहा खतरा

  •  एम्स के पूर्व निदेशक ने नियमों की अनदेखी पर जतायी चिंता

  •  सप्ताहांत शटडाउन जारी रखने की वकालत की

  •  कहा- जरूरत नहीं होने पर घरों से नहीं निकले लोग

भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच कोविद-19 के नियमों की अनदेखी या तोड़ने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर के पूर्व निदेशक डाक्टर अशोक महापात्र ने चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि यह पुष्टि करना मुश्किल है कि अब कोरोना का सामाजिक संक्रमण शुरू हो गया है, लेकिन अनदेखी और लापरवाही राज्य को उसी ओर खींच सकती है. आज मीडिया से बात करते हुए महापात्र ने कहा कि राज्य में कोरोना सामुदायिक प्रसारण की ओर अग्रसर हो सकता है, लेकिन कोई भी 100 प्रतिशत इसकी पुष्टि नहीं कर सकता है. लेकिन यह मुश्किल भी नहीं है. यदि लोग दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो ओडिशा में कोरोना का प्रकोप निश्चित रूप से सामुदायिक संक्रमण की ओर बढ़ेगा. ओडिशा में कोरोना के विस्तार पर नियंत्रण पाने के लिए किए जाने वाले उपायों पर उन्होंने कहा कि हमें सप्ताहांत के शटडाउन को जारी रखने की जरूत है. इस दौरान कार्यालय में काम नहीं करने वालों को घर के अंदर रहना चाहिए. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हालांकि कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन लाकडाउन और शटडाउन लागू करके सरकार ने बड़े पैमाने पर प्रकोप को फैलने से रोकने में कामयाबी हासिल की है.

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बीच कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने सलाह दी कि कार्यालयों को शिफ्टों में काम कराना चाहिए, ताकि कार्यालय में कर्मचारियों की संख्या कम रहे. इससे सामाजिक दूराव का पालन हो सकेगा. हम जानते हैं कि हम पूरे जीवन के लिए लाकडाउन और शटडाउन में नहीं रह सकते. जीवन और आजीविका के बीच संतुलन सुनिश्चित करने और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इसकी आवश्यकता है. देश में कोरोना के सामुदायिक विस्तार पर उन्होंने कहा कि हम भले ही इस बात से इनकार कर सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हम कोरोन वायरस के सामुदायिक प्रसारण की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि, हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि समुदायिक विस्तार किस स्तर तक फैला है. महापात्र ने कहा कि सरकार सख्त लॉकडाउन को लागू नहीं कर सकती है, क्योंकि यह लोगों के लिए गंभीर आर्थिक मुद्दों को उत्पन्न करेगा. आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार अब आजीविका की सुरक्षा के लिए चरणबद्ध तरीके से लाकडाउन को अनलॉक कर रही है. इससे लोगों को बेपरवाह नहीं होना चाहिए और उन्हें कोविद-19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता है कि भारत कब कोविद-19 के शिखर पर पहुंचेगा. यह एक लंबी लड़ाई है. सबको मानसिक और सामाजिक रूप से इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है.

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