Home / Odisha / कोरोना नियंत्रण के लिए रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक – डॉ अमरनाथ सिंह

कोरोना नियंत्रण के लिए रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक – डॉ अमरनाथ सिंह

बड़बिल. पिछले 6 महीनों से सम्पूर्ण जगत कोरोना महामारी से भयाक्रांत हो निदान के लिए विश्वभर के चिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिक दिन रात अध्ययन के द्वारा कोरोना टीका (वैक्सीन) विकसित करने पर प्रयासरत हैं. केवल भारतवर्ष के 27 राष्ट्रीय प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों की टीम कोरोना वैक्सीन विकसित करने में लगी हुई है और कोरोना से ग्रसित मरीजों के प्रारंभिक लक्षणों से लेकर मृत्युपरांत लक्षणों का विस्तृत अध्ययन किया है. इसी बीच महामारी से निपटने और रोग निरोधक क्षमता सुदृढ़ करने के लिए बड़बिल के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वनस्पतिशास्त्री एवं पर्यावरणविद् डॉ अमरनाथ सिंह ने कई ऐसे रोग निरोधक क्षमता सुदृढ़ करने के सुझाव प्रस्तुत किए हैं. डॉ सिंह ने कहा है कि रोग निरोधक क्षमता सुदृढ़ करने के लिए शाकाहार को प्राथमिकता देते हुए हमें अपने घरों के आसपास सर्वसुलभ अथवा उपलब्ध औषधीय पौधों की जानकारी और सेवन दिनचर्या में शामिल करनी होगी. वैज्ञानिकों के निष्कर्ष के अनुसार, सहजन, नीम, तुलसी, अश्वगंधा, त्रिफला (हर्रे, बहेड़ा और आंवला), अदरक, लहसुन, हल्दी, काला जीरा, कालमेघ अथवा चिरैता, सिनवार अथवा निर्गुंडी, ग्वारपाठा (घृत कुमारी), मालकांगनी, सलई, हरजोड़ा, साईकस, कापटीस, मखाना, महुआ, कुटकी, गिलोय, दालचीनी, ट्राईकोपस, धतकी, सिपटोनेमा, युफॉर्बिर्चा, काली मिर्च, नोनी, एडिना, इलायची, रक्तचंदन इत्यादि पौधों के उपयोगी और औषधि गुण युक्त भागों के नियमित सेवन से हम प्रतिरोधक क्षमता ( इम्यून सिस्टम) को सुदृढ़ कर सकते हैं. उपरोक्त पौधों में से अधिकांश हमें आसानी से अपने आसपास मिल जाते हैं और जिनका घरेलू उपयोग विशेषज्ञों की देखरेख में किया जा सकता है. कोरोना से निपटने के लिए विटामिन सी से भरपूर पौधे का उपयोग सहायक है और आंवला, सहजन आदि में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होने के कारण ज्यादा लाभकारी है. रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए औषधीय/जड़ी बूटी पौधों में फाइटोकेमिकल्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिनमें विटामिन सी, फ्लारोहॉयड, कैरोटिनॉइड, अलकलॉएड्स, सपोनियस, एंटीऑक्सिडेंट्स इत्यादि प्रमुख रासायनिक अवयव हैं.
इसके अतिरिक्त हर्बल काढ़ा का नियमित सेवन बच्चे से लेकर बुजुर्गों के लिए लाभदायक है. आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित हर्बल काढ़ा में तुलसी, अदरक, दालचीनी, काली मिर्च की 4:2:2:1 मात्रा में पाउडर बनाकर गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन से रोग निरोधक क्षमता सुदृढ़ की जा सकती है एवं पांच ग्राम की गोली बना कर भी इसका सेवन किया जा सकता है. स्वाद के लिए इसमें नींबू, मुनक्का या गुड़ मिलाया जा सकता है, विशेषज्ञों ने इसके अलावा मशरूम को भी अपने दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी है.

Share this news

About desk

Check Also

नंद घर आंदोलन से जुड़े मनोज बाजपेयी

7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन को बदलना है परियोजना का उद्देश्य …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *