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टिड्डियों के झुंड से ओडिशा के पश्चिमी जिलों के प्रभावित होने का खतरा

  • हालात पर नजर रखने के लिए विशेष टीम गठित

भुवनेश्वर. पाकिस्तान से पश्चिमी भारत में प्रवेश करने वाले टिड्डियों के झुंडों से ओडिशा को भी भीषण खतरा है. ये टिड्डियां कई तरह की फसलों को नुकसान पहुंचा चुकी हैं. अब ओडिशा के लिए भीषण खतरा बनकर ये मंडरा रही हैं. ये मानसून से पहले जून में ओडिशा तक पहुंच सकती हैं. इसे लेकर ओयूएटी के डीन ललित मोहन गडनायक सतर्क किया. टिड्डियों के हमले को लेकर रहस्योद्घाटन केंद्रीय कृषि आयुक्त की एक रिपोर्ट हुई है. गड़नायक ने कहा कि ओडिशा के कई पश्चिमी जिलों के प्रभावित होने की संभावना है. हालात पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि इसे लेकर पहले किसानों को स्थिति से अवगत कराया जाएगा और स्थिति को संभालने के तरीके के बारे में शिक्षित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केवल गुलाबी रंग के टिड्डे खतरनाक हैं. पाकिस्तान से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में खतरे की तलवारें प्रवेश कर गई हैं. उन्होंने बताया कि पर्यावरण मंत्रालय, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इन टिड्डियों से खड़ी फसलों और सब्जियों को बड़ी क्षति होगी. इन टिड्डियों के अब तक राजस्थान सबसे अधिक प्रभावित राज्य है. रेगिस्तानी टिड्डे टिड्डे की एक प्रजाति हैं, जो एक झुंड में रहते हैं और छोटे सींग वाले टिड्डे हैं. वे अपने रास्ते में आने वाली सब फसलों को खाते जाते हैं.

इससे खाद्य आपूर्ति और लाखों लोगों की आजीविका के लिए एक अभूतपूर्व खतरा पैदा हो जाता है. उन्होंने कहा कि ओडिशा में इनको लेकर अभी से बारीकी नजर रखी जा रही है.

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