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पुरी में स्नान पूर्णिमा की विधियों का समय तय

  • एक बजे से सुबह चार बजे तक होगा पहंडी

  • सात बजे से नौ बजे तक देव स्नान

  • सुबह 10 छेरापहरा

  • सुबह 11 बजे हाथी वेश

  • शाम पांच बजे से आठ बजे तक बाहुड़ा पहंडी

  • 15 दिनों तक रहेंगे अड़सर में

महाप्रभु की फाइल फोटो।

प्रमोद कुमार पुष्टि, पुरी

पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ की स्नान पूर्णिमा को लेकर सभी विधियों का समय तय कर दिया गया है. यह समय छतीसा नियोग की बैठक में तय किया गया है. जानकारी के अनुसार, स्नान पूर्णिमा की विधि चार जून की मध्यरात्रि एक बजे से शुरू होगी और पांज जून को सुबह चार बजे तक महाप्रभु श्री जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन को मंदिर परिसर के आनंद बाजार स्थित स्नान मंडप में लाया जायेगा. सुबह चार बजे तक यह पहंडी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.

इसके बाद सुबह सात बजे से लेकर नौ बजे तक सभी देवों को 108 गागर पानी से स्नान कराया जायेगा. यह प्रत्यक्ष स्नान साल में एक बार कराया जाता है. इसके बाद सुबह 10 बजे गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव छेरापहरा करेंगे. इसके बाद सुबह 11 बजे सभी देवों को हाथी वेश में सजाया जायेगा. इसके बाद महाप्रभु श्री जगन्नाथ और अन्य देवों व बहन सुभद्रा को अन्न महाप्रसाद चढ़ाया जायेगा. देवस्नान पूर्णिमा के दिन सिर्फ एक बार भोग चढ़ाया जाता है, जबकि सामान्य दिन में कम से कम सात बार भोग चढ़ाया जाता है.

इसके शाम पांच से आठ बजे तक बाहुड़ा पहंडी होगी. इसके तहत महाप्रभु श्री जगन्नाथ व अन्य देव अड़सर घर में 15 दिनों (अमावस्या तिथि) तक बीमार होने की लीला करेंगे. इसके अगले दिन 21 जून को नवयौवन दर्शन तथा 23 जून रथयात्रा के माध्यम से आम लोगों को दर्शन देंगे. हालांकि रथयात्रा किन परिस्थितियों में निकाली जायेगी, इसे लेकर अभी तक कुछ भी तय नहीं हो पाया है. बैठक में श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक किशन कुमार, जिलाधिकारी बलवंत सिंह, एसपी उमाशंकर दास व छतीसा नियोग के सेवायत उपस्थित थे.

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