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बीजद प्रत्याशी प्रणव प्रकाश दास ने हलफनामे पर विवाद

  • भाजपा प्रदेश इकाई ने उठाया सवाल

  • कहा- पिछले दिये गये और अब के हलफनामें में अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता दिखाई

  • एक साल की आय भी छुपाने का आरोप लगाया

भुवनेश्वर। संबलपुर में बीजद के लोकसभा प्रत्याशी प्रणव प्रकाश दास के हलफनामे पर विवाद हो गया है। भाजपा प्रदेश इकाई ने इसे लेकर सवाल उठाया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा वरिष्ठ अधिवक्ता पीतांबर आचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रणव प्रकाश दास ने स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर व गुरु सत्यनारायण बहिदार की मिट्टी  में अपनी शैक्षिक योग्यता व आय को छुपा कर संबलपुर की जनता का अपमान किया है।

उन्होंने कहा कि हमने आधिकारिक रुप से बीजद प्रत्य़ाशी प्रणव प्रकाश दास के नामांकन का विरोध कर आवेदन पत्र दिया है। हमारे चुनाव एजेंट प्रदीप बहिदार ने दास के नामांकन पत्र को लेकर विधिवत रुप से आपत्ति जतायी है। उन्होंने कहा कि हमने मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर दास द्वारा झूठा हलफनामा दिये जाने के संबंध में अपना तर्क जिलाधिकारी के सामने रखा है। प्रणव प्रकाश दास ने 2009 में जब चुनाव से पहले हलफनामा दिया था, तब उन्होंने अपने आप को कला में प्लस-2 पास बताया था, लेकिन 2024 में अपने हलफनामे में उन्होंने अपने आप को विज्ञान में प्लस-2 पास बताया है।

उन्होंने कहा कि हमारा दूसरा आरोप है कि दास ने अपनी संपत्ति के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं दी है। जानकारियों को उन्होंने छुपाया है। तीसरा आरोप यह है कि दास ने इस हलफनामे में 2019-20 में उनकी आय को शून्य बताया है। विधायक के रुप में उन्हें वेतन व भत्ता मिलता है। हलफनामे में पूरा पांच साल का ब्योरा उन्हें देना था। उन्होंने चार साल का दिखाया है। एक साल की आय को छुपाया है। यह एक बड़ी गलती है। इसी आधार पर सुप्रीमकोर्ट व अन्य हाईकोर्टों द्वारा अनेक विधायकों व सांसदों के चुनाव को रद्द किया है। ओडिशा हाइकोर्ट ने सुंदरगढ़ के पूर्व विधायक योगेश सिंह व कटक के पूर्व विधायक के चुनाव को गलत हलफनामे के कारण खारिज किया था।

आचार्य ने कहा कि संबलपुर की जनता इसका सही जवाब देगी। यद्यपि रिटर्निंग अधिकारी ने एकतरफा तरीके से इस झूठे हलफनामे को स्वीकार कर लिया है, लेकिन बाद की स्थिति में उपयुक्त फोरम में इसे लिया जा सकता है।

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