Home / Odisha / यह जहां तो चला ही नहीं, क्या सिलाई करूं जनाब…!

यह जहां तो चला ही नहीं, क्या सिलाई करूं जनाब…!

  • लाकडाउन ने मोची के जीवोपार्जन पर लगाया ब्रेक

शैलेश कुमार वर्मा, कटक

जिसकी रोजी-रोटी का आधार ही लोगों के चलने-फिरने पर टिका हो, जरा सोचिए, इस लाकडाउन की अवधि में क्या हाल होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं मोची की. लाकडाउन के दौरान इस जहां में कोई चला ही नहीं तो उसके जूते-चप्पल कैसे टूटेंगे और मोची की जीवोकोपार्जन कहां से होगी. हम एक ऐसे ही मोची की चर्चा कर रहे हैं, जो कटक के विभिन्न स्थानों पर जाकर रोजी-रोटी की तलाश कर रहा है, लेकिन लोग चले ही नहीं तो वह क्या सिलाई करेगा.

यह बयां-ए-हाल बक्सी बाजार में भुवनेश्वर के रहने वाला सिमादरी नामक मोची की है. यह राहगीरों के फटे-टूटे जूते-चप्पलों की सिलाई कर अपने परिवार के भरण-पोषण के जीवकोपार्जन करते हैं. लाकडाउन में ढिलाई के बीच सड़क किनारे बैठे इस मोची की उम्मीद भरी निगाहें हर आने वाले व्यक्ति पर टिकी होती है कि शायद कोई सिलाई कराने आ जाये. इस दौरान हम भी उधर से गुजरे तो उसके नजरों में एक मैंने उसकी उम्मीद देखा. आवाज आई, साहब जूते पालिस कर दूं.

जब बात शुरू हुई तो उसके दर्द उसकी जुबां पर छलक आये. उसने बताया कि परिवार में छह सदस्य हैं और सरकार की सहायता नाकाफी है. यह व्यक्ति प्रतिदिन सुबह नौ बजे से सड़क किनारे दुकान लगाकर ग्राहक के इंतजार में आंखें बिछाए बैठ जाता है. लाकडाउन में ग्राहक नदारद होने से दिन के 20-25 रुपये की कमाई भी बहुत कठिन है. ऐसे में सिमादरी ने बताया कि कभी-कभी खाली पेट भी सोना पड़ता है. उनके कुछ परिवार के लोग दूसरे के घरों में बर्तन माजते हैं, लेकिन यह भी नाकाफी है. लाकडाउन में यह प्रभावित होता रहा है.

उसने बताया कि सुबह नौ बजे से बैठा हूं और अभी दो बज रहा है, बड़ी मुश्किल से मात्र 15 रुपये की कमाई हुई है. इस कमाई के 15 रुपये में 6 लोगों का गुजारा मुश्किलभरा है. उसने कहा कि रोजी-रोटी की तलाश में जगह बदल-बदलकर बैठते हैं, ताकि कुछ कमाई हो जाये, लेकिन लाकडाउन में कोई चल तो नहीं रहा है, तो फिर क्या सिलाई करूं साहब…!!!

Share this news

About desk

Check Also

भुवनेश्वर में विस्तारा के एक विमान आपातकालीन लैंडिंग

ओलावृष्टि के कारण विंडशील्ड में दरार आ गई भुवनेश्वर। भुवनेश्‍वर-दिल्‍ली विस्तारा के एक विमान को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *