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ओडिशा में समुद्री कछुआ अनुसंधान केंद्र खोला जाएगा

  • पुरुनाबांध के पास लगभग 3.5 एकड़ सरकारी भूमि की हुई पहचान

  • भूमि अधिग्रहण की चल रही है प्रक्रिया

भुवनेश्वर/ब्रह्मपुर। ओडिशा सरकार ने गंजाम जिले के पुरुनाबंध में एक समुद्री कछुआ अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है। बताया गया है कि सरकार ने रुशिकुल्या नदी के मुहाने के पास प्रस्तावित केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि यह केंद्रापड़ा जिले में गहिरामाथा के बाद ओलिव रिडले कछुओं का दूसरा सबसे बड़ा सामूहिक घोंसला स्थल है। यह शोधकर्ताओं के लिए भी एक सुविधाजनक स्थान है।

सूत्रों ने कहा कि 23 फरवरी से 3 मार्च, 2023 तक आठ दिनों के दौरान नदी के मुहाने के पास पोदमपेटा से बटेश्वर तक तीन किलोमीटर लंबे क्षेत्र में रिकॉर्ड संख्या में 6.37 लाख से अधिक कछुओं ने अंडे दिए थे। इसे देखते हुए प्रस्तावित अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए पुरुनाबांध के पास लगभग 3.5 एकड़ सरकारी भूमि की पहचान की गई है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है।

ब्रह्मपुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) सनी खोखर ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कि हमने प्रस्तावित अनुसंधान केंद्र पर अवधारणा नोट पहले ही सरकार को सौंप दिया है। वास्तुशिल्प डिजाइन भी तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक बार स्थापित होने के बाद यह कछुआ अनुसंधान में पहला होगा। भले ही भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई), भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआई), और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) जैसे कई प्रमुख अनुसंधान संस्थान समुद्री कछुओं, विशेषकर ओलिव रिडले कछुओं पर शोध कर रहे हैं, लेकिन देश में कभी भी इसके लिए कोई विशेष केंद्र नहीं था, जहां समुद्री कछुओं का अध्ययन किया जा सके। छात्रों और विदेशी प्रतिनिधियों ने ओलिव रिडले कछुओं में अपनी रुचि दिखाई है।  हालांकि, ऐसा कोई विशेष केंद्र नहीं होने के कारण उन्हें कछुओं के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाती है। एक अन्य वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित केंद्र से उनकी जिज्ञासाएं पूरी होने की संभावना है।

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