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नसबंदी के बाद पति ने महिला को माना अपवित्र, घर से निकाला

  •  11 बच्चों की मां पेड़ के नीचे सोने को हुई मजबूर

केंदुझर। ओडिशा के केंदुझर जिले में एक महिला को नसबंदी करना महंगा साबित पड़ रहा है। 11 बच्चों की मां के नसबंदी कराने के बाद उसका पति उसे अपवित्र मान रहा है और उसे घर से निकाल दिया है। यह आदिवासी महिला और 11 बच्चों की मां एक पेड़ के नीचे सोने के लिए मजबूर हो गयी है। घटना केंदुझर के तेलकोई प्रखंड के डिमिरिया गांव की है।

बताया जाता है कि महिला जानकी देहुरी को कष्ट सहना पड़ रहा है, क्योंकि उसके पति रवि देहुरी का मानना है कि डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन करने के बाद जानकी अपवित्र हो गई है।

खबरों के अनुसार, स्थानीय आशा कार्यकर्ता की पहल पर महिला की नसबंदी करायी गयी है।

जानकी ने बताया कि पहली डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गयी थी। इसके बाद अब मेरे 10 बच्चे हैं। हर साल गर्भवती होना मेरे लिए शर्मनाक हो गया है, क्योंकि मेरे बच्चे बड़े हो गए हैं। हर अन्य महिलाओं की नसबंदी की जा रही है। यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन मेरे पति को समझ नहीं आ रहा है।

गांव की आशा कार्यकर्ता विजयलक्ष्मी विस्वाल ने कहा कि मैं जानकी की स्वास्थ्य स्थिति देख रही हूं, जो प्रत्येक प्रसव के बाद बद से बदतर होती जा रही है। वह कमजोर हो गई है और अब और गर्भधारण नहीं कर सकती। इसके अलावा, वह अपने सभी बच्चों को खाना भी नहीं दे सकती है। विजयलक्ष्मी ने कहा कि मैंने उसे नसबंदी के लिए राजी किया और वह मान गई। हालांकि, उनके पति यह सुनकर गुस्से में हैं। रवि उसे अपने घर के अंदर नहीं जाने दे रहा है। मैंने रवि को उसकी स्थिति समझाने की कोशिश की, लेकिन वह अड़ा हुआ है और मेरे पास जाने पर मुझे जान से मारने की धमकी दे रहा है।

तेलकोई स्वास्थ्य अधिकारी ने मामले को देखने का आश्वासन दिया है, क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और रवि को समझाने का आश्वासन दिया है।

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