Home / Odisha / कोरोना के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही 29 मार्च तक स्थगित

कोरोना के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही 29 मार्च तक स्थगित

  • ध्वनी मत से पारित हुआ प्रस्ताव, कांग्रेस ने किया समर्थन

भुवनेश्वर- कोरोना के कारण ओडिशा विधानसभा की कार्यवाही को आगामी 29 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। विधानसभा में सरकारी पार्टी के मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक द्वारा विधानसभा में लाये गये इस संबंधी प्रस्ताव को विपक्षी भाजपा विधायकों के विरोध के बावजूद पारित कर दिया गया। कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

ओडिशा सरकार द्वारा कोरोना को राज्य आपदा घोषित किये जाने को लेकर मुख्य़मंत्री नवीन पटनायक के विधानसभा में बयान के तुरंत बाद सत्तापक्ष के सचेतक श्रीमती प्रमिला मलिक ने सदन को 29 मार्च तक स्थगित करने संबंधी  प्रस्ताव लायी।

प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक भी कोरोना से पाजिटिव मामला ओडिशा में नहीं आया है। ऐसी स्थिति में विधानसभा को स्थगित किया जाना सही नहीं है। इससे लोगों के बीच भय का वातावरण तैयार होगा। सरकार को इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाना चाहिए न कि विधानसभा को स्थगित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में संसद चल रही है। दिल्ली में ठंड भुवनेश्वर से अधिक है। इसलिए कोरोना की संभावना वहां अधिक है। यदि दिल्ली में संसद चल पा रही है, तो भुवनेश्वर में विधानसभा को स्थगित करने का औचित्य क्या है। उन्होंने कहा  कि विभिन्न विभागों के बजट आवंटन को लेकर चर्चा होनी है । उन्होंने कहा कि यह अलोकतांत्रिक है तथा संख्या बल के आधार  पर सदन को बंद करने की साजिश रची जा रही है।

भाजपा विधायक विष्णु सेठी,  जय़नारायण मिश्र ने भी प्रतिपक्ष के नेता की बात का समर्थन किया और कहा कि बिना कारण के लोगों में भय की स्थिति उत्पन्न की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसे रोकने के लिए क्या ऐतिहाती कदम उठाये गये हैं, उसके बारे में जानकारी देने के बजाय सदन को बंद किया जा रहा है, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथजी का पैसा यस बैंक में नियमों के उल्लंघन कर रखे जाने के मामले में घिर जाने के बाद इससे बचने के लिए राज्य सरकार कोरोना का बहाना बना रही है।

कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने राज्य सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए, बल्कि इसके रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का सहयोग करना चाहिए।

चर्चा में भाग लेते हुए संसदीय मामलों के मंत्री विक्रम केशरी आरुख ने कहा कि इससे पहले भी राज्य में कभी आपदा आयी है, तब मुख्यमंत्री ने पहले से ही कदम उठाया है। ऐसे में इस बार भी मुख्यमंत्री ने सही कदम उठाया है। बीजद विधायक भूपिंदर सिंह, अमर सतपथी, देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि वर्तमान की स्थिति को देखकर मुख्य सचेतक द्वारा लाये गये प्रस्ताव की सर्वसम्मति से पारित किये जाने की आवश्यकता है। इसके बाद ध्वनि मत से इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।

Share this news

About desk

Check Also

पांडियन 10 जून तक वापस करें रत्नभंडार की चाभी – हिमंत विश्वशर्मा

कहा-अन्यथा उसे हम ढूंढ निकालेंगे कविसूर्यनगर में भाजपा प्रत्याशी के लिए किया प्रचार भुवनेश्वर। असम …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *