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ओडिशा में शिक्षकों के मुद्दों पर सड़क से सदन तक हंगामा

  •  चल रहे सभी आंदोलनकारियों को लेकर विरोधियों ने राज्य सरकार को घेरा

  •  शिक्षकों के आंदोलन के बावजूद सरकार के प्रतिनिधि उनसे क्यों नहीं कर रहे हैं बात – नरसिंह मिश्र

  •  शिक्षकों के आंदोलन के समय राज्य के जनशिक्षा मंत्री चुनाव प्रचार में व्यस्त – भाजपा

  •  विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से शिक्षकों के मुद्दे पर विशेष ध्यान देने के लिए दिया निर्देश

भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आज सड़क से लेकर विधानसभा के सदन तक शिक्षकों के मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य सरकार को शिक्षकों के मुद्दे पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। इधर, राजधानी में शिक्षकों के आंदोलन के कारण कई रूटों पर यातायात व्यवस्था चरमरा गयी थी।
शिक्षकों का बड़ा आंदोलन आज दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच आज विधानसभा में प्रश्नकाल इस मुद्दे को लेकर नहीं चल सका। इसके बाद जब स्थिति सामान्य हुई तब विपक्षी विधायकों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को कठघरें में खड़ा किया। कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति व अन्य कांग्रेस विधायक इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष से राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग को लेकर सदन के बीच में आ गये। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पीठ से सरकार से शिक्षकों के मुद्दे पर राज्य सरकार से विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री समाधान का रास्ता निकालें
कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा कि हजारों की संख्या में शिक्षक सड़कों पर उतरे हैं। जहां यह आंदोलन हो रहा है, वहा इतनी भीड़ है कि एंबुलेंस को भी जाने की जगह नहीं है। वे अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार को अवगत करा रहे हैं। आंदोलन का आज दूसरा दिन है, लेकिन इसके बाद भी मुख्यमंत्री का कोई प्रतिनिधि उन्हें जाकर नहीं मिला है। इससे अधिक दुर्भाग्य की बात क्या हो सकती है। राज्य के शिक्षा मंत्री तो पद्मपुर में पार्टी का प्रचार कर रहे हैं। केवल शिक्षक ही नहीं अन्य लोग भी आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपने प्रतिनिधि को वहां भेजें व उनके साथ बातचीत कर समाधान का रास्ता निकालें।
भाजपा ने साधा निशाना
भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने भी इस मुद्दे को उठाकर राज्य सरकार और शिक्षा मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक शिक्षक सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। भुवनेश्वर में विधायकों के सरकारी आवास में स्थान नहीं है, लेकिन राज्य सरकार के मंत्री इस गंभीर विषय पर ध्यान देने के बजाय चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। राज्य की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को ठीक करने के लिए राज्य सरकार कितना इच्छुक है, इस बात से स्पष्ट हो रहा है।
प्रश्नकाल के दौरान जमकर हुई नारेबाजी
शिक्षकों मुद्दो के लेकर ओडिशा विधानसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान सदन के बीच में आकर नारेबाजी की। इस कारण प्रश्नकाल नहीं चल सका। विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने सदन को 11.30 तक स्थगित किया। सोमवार को निर्धारित कार्यसूची के अनुसार सदन की कार्यवाही सुबह 10.30 बजे प्रांरंभ हुई। बैठक प्रारंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने प्रश्नकाल कार्यक्रम शुरु करना चाहा, लेकिन कांग्रेस व भाजपा के विधाय़क शिक्षकों के मुद्दे पर नाराबाजी शुरु कर दी। भाजपा व कांग्रेस के विधायक सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें आग्रह किया कि वह अपनी सीट पर चले जाएं तथा शून्यकाल में इस मुद्दे को उठायें। प्रश्नकाल को बाधित न करें। लेकिन विपक्षी विधायको ने उनकी बात नहीं मानी। उन्होने हंगामा जारी रखा तथा राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 11..30 बजे तक स्थगित कर दिया।
सर्वदलीय बैठक आयोजित
शिक्षकों के मुद्दे पर हंगामे के कारण प्रश्नकाल बाधित होने के बाद जब सदन की कार्यवाही 11.30 पर दोबारा शुरु हुई तब विधानसभा अध्यक्ष विक्रम केशरी आरुख ने सर्वदलीय बैठक बुलायी। इस कारण उन्होंने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया और अपने प्रकोष्ठ में सर्वदलीय बैठक बुलायी। दोपहर 11.45 बजे सदन की कार्यवाही फिर से सुचारू रुप से शुरू हुई।

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