Home / Odisha / छठ का महापर्व शुरू, खरना 29 अक्टूबर को

छठ का महापर्व शुरू, खरना 29 अक्टूबर को

भुवनेश्वर। नहाय-खाय के साथ छठ का महापर्व आज से शुरू हो गया। प्रकृति उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिवस पर राजधानी भुवनेश्वर में छठव्रतीगण भोर में अपने-अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर पवित्र स्नान करेंगे। दिनभर उपवास रहकर शाम को खरना प्रसाद आदि के साथ छठ परमेश्वरी का विधिवत पूजन करेंगे। खरना के दिन छठ परमेश्वरी पूजन में हूमाधि अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। गौरतलब है कि छठ परमेश्वरी के लिए खरना प्रसाद तैयार करने में पूरी शुद्धता का ध्यान रखा जाता है। छठ के खरना प्रसाद तैयार करनेवाले चौके में भी पूरी शुद्धता होती है। भुवनेश्वर यूनिट-4 के समीप पेट्रोल पंप के समीप रहनेवाली छठव्रती सुमन तिवारी ने बताया कि वे खरना के दिन दिनभर उपवास रहेंगी तथा शाम को छठ-चौके में गेंहू की रोटी पकाएंगी। गुड़ और दूध से खीर तैयार करेंगी। रोटी में शुद्ध गाय का घी डालकर सबसे पहले छठ परमेश्वरी का विधिवत पूज-नकर उन्हें खरना प्रसाद निवेदित करेंगी। छठ परमेश्वरी को सिंदूर आदि चढ़ाएंगी। उसके उपरांत वे खरना प्रसाद स्वयं ग्रहण करेंगी। छठ पूजा घर में अपने परिवार के सभी लोगों को एक-एककर बुलाकर माता के दर्शन कराएंगी। उनके माथे पर छठ परमेश्वरी को पूजन में निवेदित सिंदूर लगाएंगी और सभी को खरना प्रसाद खिलाएंगी। साथ ही साथ वे अपने सभी सगे-संबंधियों तथा इष्ट-मित्रों को बुलाकर छठ मां के दर्शन कराकर उन्हें खरना प्रसाद ग्रहण कराएंगी। सुमन तिवारी के अनुसार खरना प्रसाद ग्रहण करने के उपरांत ने निराजल रहेंगी। छठ पूजन के तीसरे दिन शाम को वे न्यू बाली यात्रा, मंचेश्वर कुंआखाई छठघाट पर जाकर जल में पश्चिम दिशा में मुंहकर खडे होकर छठ परमेश्वरी तथा भगवान सूर्यदेव को शाम का पहला अर्घ्य दूध और जल से देंगी।छठपूजा के चौथे और अंतिम दिवस पर भोर में वे पुनः छठ के घाट जाकर पवित्र कुंआखाई नदी जल में पूरब दिशा में मुंहकर खडे होकर भगवान सूर्यदेव तथा छठपरमेश्वरी को अंतिम अर्घ्य देंगी। उसके बाद ही पारन करेंगी। स्थानीय यूनिट-3 राममंदिर के मुख्य पुजारी पण्डित महारुद्र झा के अनुसार छठ का खरना प्रसाद पूरी तरह से पौष्टिक तथा ताकत को बढ़ानेवाला होता है, जिसको एकबार ग्रहण कर लेने के बाद भूख-प्यास नहीं लगती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खरना प्रसाद में लगनेवाला चावल विशेष प्रकार का चावल होता है, जिसे साठी चावल कहा जाता है जो हरप्रकार से शक्तिवर्द्धक होता है। ठीक उसी प्रकार खरना प्रसाद में तैयार खीर गुड़, गेहूं और घी से तैयार होता है जो काफी शक्तिवर्द्धक हैं। खरना प्रसादग्रहण की यह भी पौराणिक मान्यता है कि शुद्ध मन से इसके ग्रहण करने से छठ परमेश्वरी सभी की मनोकामना पूर्ण कर देतीं हैं।

Share this news

About desk

Check Also

भाजपा की संसदीय समिति लेगी राज्य के सीएम पर फैसला – मनमोहन

कहा-बीजद नेता हताशा में दे रहे हैं प्रधानमंत्री पर बयान  बीजद लोगों को भ्रमित करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *