Home / Odisha / नंदनकानन चिड़ियाघर में पैंगोलिन की अवैध कैद का विरोध

नंदनकानन चिड़ियाघर में पैंगोलिन की अवैध कैद का विरोध

  •  नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के उल्लंघन का लगा आरोप

    भुवनेश्वर. द वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ ओडिशा (डब्ल्यूएसओ) ने नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क (एनजेडपी) प्राधिकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क प्राधिकार जंगल में एक भी पैंगोलिन स्वतंत्र नहीं छोड़ा है. डब्ल्यूएसओ के सचिव विश्वजीत मोहंती ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर आपत्ति जतायी है. पत्र में उन्होंने कहा है कि नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क को 2009 में एक संरक्षण प्रजनन केंद्र शुरू करने की अनुमति मिली थी. उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि पिछले 11 वर्षों के दौरान सात पैंगोलिन प्रजनन केंद्र में पैदा हुए, जबकि दो शिशुओं सहित 23 को बचाया गया और एक को विशाखापट्टनम चिड़ियाघर से लाया गया था. मोहंती ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद एनजेडपी एक भी पैंगोलिन को जंगल में खुला छोड़ने में विफल रहा है. इन्हें कैद में रखा गया है, जो स्पष्ट रूप से वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 का उल्लंघन है. उन्होंने कहा है कि चूंकि पिछले 11 वर्षों में प्रजनन केंद्र में पैंगोलिन पैदा जरूर हुए, लेकिन एक को भी खुले में छोड़ा नहीं गया. बावजूद इसके इस पैंगोलिन संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम को जारी रखने की आवश्यकता पर जोर देने की जरूरत है, क्योंकि यह अपने निर्धारित उद्देश्य को प्राप्त करने में विफल रहा है, जबकि सार्वजनिक कोष के लगभग 46 लाख रुपये इसपर खर्च हो चुके हैं. वन्यजीव कार्यकर्ता ने सभी जब्त और बचाए गए पैंगोलिन की तत्काल रिहाई की मांग की है, जो वर्तमान में चिड़ियाघर में हैं.

Share this news

About desk

Check Also

उत्कल बिल्डर्स का 15 दिवसीय जलछत्र का उद्घाटन

भीषण गर्मी में पहले दिन लगभग एक हजार लोगों को दही का शर्बत पिलायी गयी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *